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हरियाणा में पैदल पलायन कर रहे श्रमिकों को रोकने स्टेडियम बनाए जाएंगे जेल

कोरोनावायरस संकट के बीच पैदल पलायन कर रहे श्रमिकों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार अब राज्य के विभिन्न स्टेडियमों को जेल में तब्दील कर सकती है

नई दिल्ली। पैदल पलायन कर रहे श्रमिकों को रोकने के लिए हरियाणा सरकार अब राज्य के विभिन्न स्टेडियमों को जेल में तब्दील कर सकती है। राज्य की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, “अपने संबंधित जिलों में स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में परिवर्तित करना पड़े तो वह भी किया जाए, ताकि पैदल चलने वाले इन मजदूरों को वहां रखा जा सके। यहां इनके खाने-पीने की संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।”

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इसके अलावा मुख्य सचिव ने कहा कि शेल्टर होम्स में रहने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या पर नजर रखने के लिए एक नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया जाए। अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों के भोजन और आवास के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। प्रदेशभर में जिला प्रशासन द्वारा जिलों में 129 रिलीफ व शेल्टर होम बनाए गए हैं और इनमें रुके हुए 29328 श्रमिकों को भोजन दिया जा रहा है।

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मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निर्देशानुसार, अंतर्राज्यीय सीमाओं पर नाकाबंदी को और सुदृढ़ किया जाए, ताकि प्रवासी मजदूरों की आवाजाही पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके। मुख्य सचिव नियमित रूप से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही हैं।

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हरियाणा में प्रवासी मजदूरों के थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ सभी प्रकार की चिकित्सा जांच के आदेश दिए गए हैं। अंतर्राज्यीय सीमाओं और स्थापित किए गए रिलीफ व शेल्टर होम पर प्रत्येक प्रवासी मजदूर की जांच की जा रही है। हरियाणा सरकार का कहना है कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि पड़ोसी राज्यों से आने वाले किसी भी व्यक्ति को हरियाणा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।