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Babri Masjid Demolition: बाबरी मस्जिद और गुजरात दंगे से जुड़े केस पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, यहां जानें

हालांकि, इससे पहले साल 2019 में सुप्रीम के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि मामले की सुनवाई अब आगे नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक, समय बीतने के साथ ही अब कई मामले में अर्थहीन हो चुके हैं। हालांकि, 9 मामले में से आठ मामले की सुनवाई अब ट्रायल अब खत्म हो चुके हैं।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगा और रामजन्मभूमि से जुड़ी पुरानी कार्यवाही को बंद करने का फैसला किया है। कोर्ट ने यह फैसला मामले में याचिकाकर्ता और आरोपी की मौत के बाद लिया है। कोर्ट के मुताबिक, अब सिर्फ नरोदा पाटिया मामला ही लंबित है। कोर्ट ने एसआईटी को मामले की अतिशीघ्र जांच करने का आदेश दिया है। हालांकि, नरोदा मामले की सुनवाई अभी अंतिम स्तर पर आ चुकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इस प्रकरण की सुनवाई जल्द से जल्द से पूरी हो सकती है। आपको बता दें कि 1992 में बाबरी मस्जिद और राम मंदिर जन्मभूमि विवाद में अवमानना का आरोप लगाकर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसे लेकर बीते मंगलवार को कोर्ट में भी सुनवाई थी।

बाबरी विध्वंस की छाया : Outlook Hindi

हालांकि, इससे पहले साल 2019 में सुप्रीम के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि मामले की सुनवाई अब आगे नहीं की जाएगी। कोर्ट के मुताबिक, समय बीतने के साथ ही अब कई मामले अर्थहीन हो चुके हैं। हालांकि, 9 मामले में से आठ मामले की सुनवाई के अब ट्रायल खत्म हो चुके हैं। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य रूप से कुछ मामले की सुनवाई बंद करने का फैसला किया है, जिसमें अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी ढांचा गिराने पर शुरू अवमानना के सभी मामले बंद कर दिए गए हैं और दूसरा SIT जांच के लिए लंबित सभी केस बंद कर दिए गए हैं और तीसरा SC ने नोट किया कि समय बीतने के साथ और 2019 के अयोध्या फैसले को देखते हुए मामला कहीं नहीं टिकता है। यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध है।

 

दरअसल, तत्कालीन यूपी सरकार ने रथ यात्रा की इजाजत दे दी थी और सुरक्षा का भी आश्वासन दिया था, लेकिन इसके बावजूद भी बाबरी विध्वंस हुआ था, जिसे लेकर तत्कालीन सरकार को सियासी मोर्चे पर अपने विरोधियों के प्रहार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, राम मंदिर विवाद का पटाक्षेप हो चुका है। साल 2019 में ही सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर दिया था और वहीं मुस्लिम समुदाय की आस्था का लिहाज रखते हुए मस्जिद निर्माण के लिए भूमि भी आवंटित कर दी थी। लेकिन अब इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने उक्त प्रकरण के संदर्भ में कई मामले को बंद कर दिया है।