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Pegasus Spy Case: पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी का बढ़ाया कार्यकाल, 4 हफ्ते का दिया समय

Pegasus Spy Case: इस बारे में कोर्ट ने बताया कि सुपरवाइजिंग जज जून के अंत तक टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करके अपनी राय देंगे। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बैंच में पेगासस मामले की सुनवाई हुई।

नई दिल्ली। एक बार फिर पेगासस स्पाईवेयर का मामला सुर्खियों में है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी समिति को पेगासस जासूसी मामले की जांच करने के लिए नियुक्त किया था। अब इस समिति सुप्रीम कोर्ट की शीर्ष अदालत से कुछ और समय मांगा है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तकनीकी समिति का कार्यकाल चार हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। इस बारे में कोर्ट ने बताया कि सुपरवाइजिंग जज जून के अंत तक टेक्निकल कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन करके अपनी राय देंगे। चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बैंच में पेगासस मामले की सुनवाई हुई। जब सुनवाई हुई तो CJI ने कहा- कमेटी ने कई टेक्निकल मुद्दों की जांच की है। इस दौरान 29 उपकरणों और कुछ गवाहों की जांच और पूछताछ की बात कही है।

PEGASAS

कमेटा को चार हफ्तों का समय

बता दें कि जांच कमेटी ने इसके कुछ मुद्दों पर जनता की राय भी मांगी थी और जनता ने भी इसके लिए अपनी राय कमेटी को देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन अभी भी कई विशेषज्ञ एजेंसियों की राय का इंतजार कमेटी को है। अब कोर्ट ने रिटायर्ड जस्टिस आर वी रविंद्रन की अगुवाई में जांच करने वाली कमेटी को आने वाले चार हफ्तों के समय में जांच रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

क्या है पेगासस मामला?

पेगासस एक सॉफ्टवेयर का नाम है, जो कि जासूसी के लिए उपयोग में लाया जाता है। यही कारण है कि इसको स्पाईवेयर के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रमुख काम टारगेट के फोन से जानकारी लेकर सेंटर तक पहुंचाना है। बता दें कि इससे एंड्रायड और आईओएस दोनों से ही ऑपरेट किया जा सकता है। अगर बात करे इस सॉफ्टवेयर को बनाने की तो इस इजरायली की NSO Group ने बनाया है।