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यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत, भाई को राहत नहीं

पीठ ने चंद्रा को अंतरिम जमानत की अनुमति देते हुए उन्हें नियमित जमानत के लिए दूसरी याचिका वापस लेने को कहा। यह मामला यूनिटेक द्वारा घर-खरीदारों के पैसे की कथित तौर पर धोखाधड़ी से संबंधित है, जिस मामले में चंद्रा का छोटा भाई भी जेल में बंद है।

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूनिटेक लिमिटेड के प्रमोटर और पूर्व प्रबंध निदेशक संजय चंद्रा को अंतरिम जमानत दे दी, जो होम बॉयर्स मामले में करीब तीन साल से सलाखों के पीछे हैं। न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने चंद्रा को एक महीने के लिए रिहा करने की अनुमति दी, क्योंकि उनके माता-पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं। अदालत को बताया गया कि चंद्रा के 78 वर्षीय पिता कोविड-19 से संक्रमित हैं और आईसीयू में भर्ती हैं।

Unitech Promoters

पीठ ने चंद्रा को अंतरिम जमानत की अनुमति देते हुए उन्हें नियमित जमानत के लिए दूसरी याचिका वापस लेने को कहा। यह मामला यूनिटेक द्वारा घर-खरीदारों के पैसे की कथित तौर पर धोखाधड़ी से संबंधित है, जिस मामले में चंद्रा का छोटा भाई भी जेल में बंद है। अदालत ने हालांकि चंद्रा के छोटे भाई को जमानत देने से इनकार कर दिया।

supreme court of india, Delhi

चंद्रा और उनके भाई अजय दोनों को 2017 में अंथिया और वाइल्ड फ्लावर हाउसिंग प्रोजेक्ट्स में निवेशकों द्वारा उनके खिलाफ दर्ज एक धोखाधड़ी मामले में जेल भेज दिया गया था। दिल्ली के दो निवासियों की शिकायत के आधार पर 2015 में एक मामला दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोप लगाया कि यूनिटेक ने उन्हें अगस्त 2011 में गुरुग्राम (उस वक्त गुड़गांव) में वाइल्ड फ्लावर्स कंट्री में 57.34 लाख रुपये में एक फ्लैट बुक करने के लिए राजी किया था।

Sanjay Chandra

शीर्ष अदालत ने 30 अक्टूबर, 2017 को आदेश दिया था कि रियल इस्टेट समूह द्वारा रजिस्ट्री के यहां 750 करोड़ रुपये जमा करने के बाद ही संजय चंद्रा को जमानत मिल पाएगी।