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फांसी से एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के गुनहगार की आखिरी अपील खारिज की, कल फांसी तय

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी मुकेश की इस मांग को खारिज कर दिया था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दोषी ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी।

नई दिल्ली। निर्भया केस में फांसी की सजा रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल निर्भया के चार गुनहगार में से एक मुकेश सिंह की अपील को सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज कर दिया। मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करते हुए फांसी की सजा रद्द करने की मांग की थी। मुकेश ने दावा किया था कि घटना के दिन यानी 16 दिसंबर, 2012 को वह दिल्ली में नहीं था।

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दोषी मुकेश ने कहा था कि घटना के अगले दिन उसे राजस्थान से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया था और इससे जाहिर होता है कि वह घटना के दिन यहां नहीं था। याचिकाकर्ता के वकील ने केस की मेरिट पर सवाल उठाए थे। उसने करोली से आरोपी की गिरफ्तारी का संदेह जताया था।

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सुप्रीम कोर्ट ने अपनेआदेश में कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा सभी अवसरों और अपील की प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, इस अदालत में दायर आपराधिक अपील को लम्बे समय तक सुना गया। आरोपी द्वारा उठाए गए सभी बिंदुओं पर विचार किया गया और अपील खारिज कर दी गई। अपील, पुनर्विचार और क्यूरेटिव सभी खारिज की जा चुकी हैं।

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इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने दोषी मुकेश की इस मांग को खारिज कर दिया था। निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ दोषी ने उच्च न्यायालय में अपील दाखिल की थी। जस्टिस बृजेश सेठी ने मुकेश की मांग को आधारहीन बताते हुए खारिज कर दिया। इसके बाद गुनहगार सुप्रीम कोर्ट गए थे। मुकेश के वकील एमएल शर्मा की दलील थी कि फांसी के बाद भी तथ्यों की जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में कोई अन्य निर्दोष मीडिया के दबाव के कारण न्याय की विफलता का शिकार न बने।