आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं, सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी, सुनवाई से इनकार

सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील की दलील थी कि हम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के प्रावधानों का पालन करने के लिए कह रहे हैं। हम अदालत से आरक्षण देने को नहीं कह रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है।

Avatar Written by: June 11, 2020 12:29 pm

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण को लेकर एक बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तमिलनाडु में मेडिकल सीटों पर ओबीसी आरक्षण नहीं दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई से इंकार करते हुए की। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की छूट प्रदान की।

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सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील की दलील थी कि हम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) के प्रावधानों का पालन करने के लिए कह रहे हैं। हम अदालत से आरक्षण देने को नहीं कह रहे हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण लागू नहीं किया जा रहा है।

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सुप्रीम कोर्ट ने वकील के इस तर्क पर कहा कि यह मौलिक अधिकारों के हनन से जुड़ा मामला नहीं है। अनुच्छेद 32 केवल मौलिक अधिकार के उल्लंघन के लिए उपलब्ध है। अदालत ने कहा कि आरक्षण का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। आपको यहां से याचिका वापस लेना चाहिए और तमिलनाडु हाईकोर्ट के समक्ष जाना चाहिए।