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Maharashtra Matters: सुप्रीम कोर्ट में आज तय हो सकता है उद्धव और एकनाथ शिंदे का भविष्य, जानिए किसका पक्ष मजबूत

सुप्रीम कोर्ट में कुल 5 अर्जियों पर सुनवाई होनी है। अगर कोर्ट शिंदे के पक्ष में कोई फैसला सुनाता है, तो इससे उद्धव ठाकरे के गुट को बड़ा झटका तो लगेगा ही, पार्टी का सिंबल खुद के हाथ रखने की कोशिश में भी दिक्कत आ सकती है।

नई दिल्ली। आज महाराष्ट्र की सियासत के लिए अहम दिन हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट में आज शिवसेना में विभाजन के मसले पर सुनवाई होनी है। इस सुनवाई को बड़ी बेंच भी कर सकती है। इसके संकेत पिछली बार सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस एनवी रमना ने दिए थे। आज की सुनवाई में उद्धव ठाकरे गुट के वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी होंगे। जबकि, हरीश साल्वे एकनाथ शिंदे गुट की तरफ से पैरवी करेंगे। सुप्रीम कोर्ट में कुल 5 अर्जियों पर सुनवाई होनी है। अगर कोर्ट शिंदे के पक्ष में कोई फैसला सुनाता है, तो इससे उद्धव ठाकरे के गुट को बड़ा झटका तो लगेगा ही, पार्टी का सिंबल खुद के हाथ रखने की कोशिश में भी दिक्कत आ सकती है।

eknath shinde and uddhav thakrey

आज सुप्रीम कोर्ट में जिन अर्जियों पर सुनवाई होनी है। उनमें शिंदे गुट के 16 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने के नोटिस के खिलाफ अर्जी भी शामिल है। इसके अलावा डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस, एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने और फ्लोर टेस्ट का विरोध, शिंदे गुट को विधानसभा में शिवसेना के दल के तौर पर मान्यता का विरोध और लोकसभा में शिंदे गुट को शिवसेना के तौर पर मान्यता का विरोध इन अर्जियों में शामिल है। शिंदे गुट ने एक हलफनामा देकर कहा है कि उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में बहुमत खो दिया था। ऐसे में उनकी तरफ से दाखिल सभी अर्जियों को खारिज कर दिया जाए।

eknath shinde and uddhav thakrey

शिंदे गुट ने ये भी कहा है कि शिवसेना में लोकतांत्रिक तरीके से विभाजन हुआ। ऐसे में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस बारे में फैसला चुनाव आयोग को लेने दें कि विभाजन सही है या नहीं। शिंदे गुट का कहना है कि उसके साथ 39 विधायक हैं। जबकि, उद्धव के साथ सिर्फ 16 विधायक हैं। उनका कहना है कि उद्धव की अर्जी पर सुनवाई का मतलब बहुमत का अपमान है। शिंदे के वकील हरीश साल्वे पहले ही कोर्ट में कह चुके हैं कि ऐसे में अलग होने वाले विधायक बागी नहीं हैं। बता दें कि जून के महीने में शिवसेना में शिंदे गुट ने बगावत की थी। लंबे सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था। फिर 30 जून को एकनाथ शिंदे को सीएम पद और बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम पद की शपथ दिलाई गई थी। अब तक कोर्ट में मामला निपटा नहीं है। ऐसे में शिंदे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार भी नहीं हो पा रहा है।