क्या तांडव जैसी वेब सीरीज़ एंटी हिंदू एजेंडा के तहत बनाई गई हैं? सर्वे में मिला चौंकाने वाला जवाब

Tandav Web Series: सैफ अली खान(Saif Ali Khan) की हाल ही में रीलीज हुई वेब सीरीज ‘तांडव’ (Tandav) पर काफी बवाल जारी है। इस सीरीज पर आरोप है कि इसमें हिंदू देवी देवताओं का अपमान किया गया है।

Avatar Written by: January 19, 2021 4:58 pm
NRP Tweet Survey Tandav

नई दिल्ली। अमेजन प्राइम पर आई तांडव नामक बेव सीरीज को लेकर सोशल मीडिया पर बवाल मचा हुआ है। इसको लेकर ट्विटर पर TandavBan हैशटैग भी ट्रेंड हुआ। लोगों की शिकायतों के बाद सरकार ने भी इस पर अब अमेजन प्राइम को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है। वहीं देश में कई जगहों से Tandav के कलाकारों, निर्देशक को लेकर शिकायत दर्ज होने की खबरें समाने आई हैं। ऐसे में बढ़ते विवाद के बीच जब न्यूजरूम पोस्ट की तरफ से इस वेब सीरीज को लेकर सर्वे किया गया और लोगों से पूछा गया कि क्या तांडव जैसी वेबसीरीज एंटी हिंदू एजेंडा के तहत हैं। तो लोगों ने इस सवाल के जवाब में जो जवाब दिए हैं वो तांडव के निर्माता-निर्देशक को जरूर जानना चाहिए। बता दें कि तांडव पर सिर्फ हिंदू धर्म को गलत तरीके से दिखाने का आरोप नहीं है बल्कि अब उसपर पुलिस को भी गलत तरीके से सीरीज में दिखाने का आरोप है।

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दरअसल Newsroompost.com ने ट्विटर पर सवाल किया कि “तांडव जैसी वेब सीरीज़ को आप क्या मानते है?” इस सवाल में लोगों को दो विकल्प भी दिए गए थे। जिसमें पहला विकल्प ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ रखा गया था और दूसरा विकल्प ‘एंटी हिंदू एजेंडा’ रखा गया था।

NRP Tweet Survey

बता दें कि इस सवाल के जवाब में जहां 93.9 प्रतिशत लोगों ने इस सीरीज को ‘एंटी हिंदू एजेंडा’ माना तो वहीं मात्र 6.1 प्रतिशत लोगों ने इसे फ्रीमड ऑफ स्पीच माना है। इस सर्वे में करीब 1600 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसके अलावा इस सर्वे के जवाब में कई लोगों ने अमेजन प्राइम वीडियो के भारत हेड को तुरंत हटाने की मांग कर दी।

बता दें कि इस वेब सीरीज की पूरी कहानी को गौरव सौलंकी ने लिखा है वहीं इसे डायरेक्ट अली अब्बास जफर किया है और इसमें सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, मोहम्मद जीशान अयूब, सुनील ग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया, गौहर खान सहित कई अन्य ने मुख्य भूमिका निभाई है। सीरीज के आउट होते ही बवाल इतना बढ़ा कि मेकर्स तक इसकी आग पहुंच गई। इस सीरीज के खिलाफ मुंबई और लखनऊ में एफआईआर तक दर्ज हो गया। इसमें Amazon की हेड इंडिया अपर्णा पुरोहित, डायरेक्टर अली अब्बास जफर, प्रोड्यूसर हिमांशू कृष्ण मेहरा, राइटर गौरव सौलंकी एवं अन्य का नाम शामिल है।

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वहीं इस वेब सीरीज को लेकर विवाद बढ़ता देखकर इसके डायरेक्टर अली अब्बास जफर ने बिना शर्त माफी मांगी है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी लिखा है। उन्होंने इस माफीनामे में अपनी सीरीज के कास्ट और क्रू का भी जिक्र किया है। जिसमें साफ लिखा गया है कि उनका उद्देश्य किसी भी धर्म, संप्रदाय या समुदाय की भावना को आहत करने का नहीं था। अगर ऐसा हुआ है तो वह इसके लिए बिना शर्त माफी मांगते हैं।

इसमें लिखा गया है कि, ‘वेबसीरीज की कास्‍ट और क्रू का किसी भी व्‍यक्ति, जाति, समुदाय, संस्‍थान, धर्म या धार्मिक विचार का अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। ‘तांडव’ की स्‍टार कास्‍ट और क्रू ने लोगों की ओर से इस बारे में जताई गई चिंताओं का संज्ञान लिया है और यदि इससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो हम बिना शर्त माफी मांगते हैं।’

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वहीं इस पूरे सीरीज में विवादास्पट कंटेंट को लेकर यूपी के लखनऊ में जो एफआईआर दर्ज की गई है उसके बाद से यूपी पुलिस एक्शन में आ गई है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने इस मामले को लेकर ट्वीट कर जानकारी दी कि यूपी पुलिस की एक टीम मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है। जहां आरोपियों से पूछताछ की जाएगी।

वहीं वेब सीरीज तांडव को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट में शिकायत दायर की गई है। आरोप लगाया गया है कि इस वेब सीरीज में बदनीयती की भावना से हिन्दू देवताओं का मज़ाक़ उड़ाया गया, जिससे हिंदू धर्म की भावनाएं आहत हुई है, ये समाज के विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने की साजिश है। हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता को ओर कोर्ट में दायर शिकायत में तांडव वेब सीरीज के डायरेक्टर अली अब्बास ज़फ़र, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी, अभिनेता सैफ अली खान, मोहम्मद जीशान अयूब, गौहर खान के खिलाफ FIR दर्ज किये जाने की मांग की गई है।

आपको बता दें कि इस बात का भी बार-बार खुलासा होता रहा है कि ऐसे बोल्ड और विवादास्पद कंटेंट के लिए इन प्लेटफॉर्म के जरिए मेकर्स पर दवाब बनाया जाता है। यही वजह होती है कि ऐसे विवादास्पद दृश्य और कंटेंट से भरे सीरीज इन प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों तक पहुंचते हैं। हालांकि इन सब के साथ यह भी सही है कि किसी फिल्म और सीरीज में सैफ अली खान हों और उसके रिलीज के बाद बवाल ना हो यह कैसे हो सकता है। इससे पहले सैफ अली खान को तान्हा जी के समय भारत को लेकर दिए गए बयान और फिर आदिपुरुष के लिए रावण को महान बताने को लेकर भी जमकर बवाल हुआ था लेकिन इस सीरीज में हुए बवाल की वजह सैफ अली खान नहीं बल्कि सीरीज में धार्मिक आस्था को निशाना बनाया जाना है।

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अब Amazon पर दिखाई जानेवाली इस वेब सीरीज को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इसके जरिए एक विशेष समुदाय की भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है। ऐसे में Amazon से भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के द्वारा जवाब तलब किया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने Amazon से इस बावत सवाल किया है कि क्या इस सीरीज के जरिए सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश नहीं की गई है। क्या एक समुदाय विशेष को इसमें निशाना नहीं बनाया गया है। क्या हिंदू धर्म के मानने वालों की भावना इस सीरीज की वजह से आहत नहीं हुई है। इस सीरीज में पुलिस और प्रशासन के काम करने के तरीके को गलत ढंग से दिखाया गया है और प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी इसमें ठेस पहुंचाई गई है। इस पर भी जवाब मांगा गया है। वहीं दूसरी तरफ लोग सोशल मीडिया पर इस सीरीज ‘Tandav’ पर बैन लगाने की मांग कर रहे हैं। Twitter पर इसके विरोध में #Ban_or_Not_to_ban_tandav ट्रेंड कर रहा है जिसपर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। ऐसे में एक सवाल यह उठता है कि क्या OTT PLATFORM पर सेंसरशीप होनी चाहिए या नहीं?, इस सवाल के जवाब में कुछ लोगों का मानना है कि अगर OTT PLATFORM पर भी सेंसरशीप लगा दी गई तो फिर कहानीकार एक दायरे में अपनी कहानी की पृष्ठभूमि के साथ सिमट जाएंगे और वह जो दर्शकों के सामने परोसना चाहते हैं वह कभी संभव नहीं हो पाएगा। वहीं दूसरी तरफ ओटीटी को अगर फ्री छोड़ दिया गया और इसपर लगाम लगाने की जरूरत नहीं महसूस की गई तो एक वक्त ऐसा भी आएगा जब इसको संभालना मुश्किल हो जाएगा।

Ali Abbas Zafar

क्योंकि आम फिल्मों से अलग ओटीटी पर जो सीरीज या फिल्में प्रसारित की जा रही हैं उनके कंटेंट इतने विवादास्पद और बोल्ड नजर आ रहे हैं जिसकी वजह से सामाजिक सौहार्दता और धार्मिक आस्था को बार-बार निशाने पर लिया जा रहा है। हालांकि इनके विरोध के नाम पर राजनीतिक रोटियां भी खूब सेंकी जा रही है। फिर भी इन सीरीज के निर्माताओं को अपने अंदर के कलाकार के साथ ही मानवीयता को भी जिंदा रखना होगा ताकि किसी खास, धर्म, समुदाय या जाति विशेष के लोगों की भावनाएं इससे आहत ना हों।