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Bihar Election: इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के सर्वे- कहीं कांग्रेस से भी खराब तो नहीं रहेगा नीतीश कुमार की जद(यू) का स्ट्राइक रेट

Bihar Election: इस सर्वे में एक अहम बात जो सामने नजर आ रही है वह यह है कि कांग्रेस (Congress) जो अपना वजूद बिहार में तलाश रही थी सर्वे के रिपोर्ट की मानें तो बिहार में उसका स्ट्राइक रेट जद(यू) जो 15 साल से सत्ता में है उससे कही ज्यादा रहनेवाला है। इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया (India Today and Axis My India Survey) के एग्जिट पोल के मुताबिक 70 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस को 29 से 35 सीटें हासिल होती दिखाई दे रही हैं। वहीं राज्य में 115 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही जेडीयू (JDU) को सिर्फ 26 से 34 सीटें मिलती नजर आ रही है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस महामारी के बीच बिहार की 17वीं विधानसभा के लिए चुनाव मतदान समाप्त हो गए हैं। कोरोना प्रसार की शुरुआत के बाद से यह चुनाव बिल्कुल ही खास है एक तो यह तब के बाद पहला चुनाव है और इस चुनाव में कोरोना की वजह से कई तरह के एहतियात बरते गए। जिसने बिहार विधानसभा 2020 के चुनाव को खास बना दिया। इससे भी बड़ी बात इस चुनाव की यह रही कि बिहार जैसे राज्य में इस बार चुनाव में विकास, रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई जमीनी मुद्दे सामने रखे गए। जिसपर प्रदेश की जनता ने मतदान किया। 2020 का यह बिहार विधानसभा चुनाव अन्य साल में हुए चुनाव की तुलना कई मामलों में अलग रहा है। चुनाव के परिणाम 10 नवंबर को जारी होने हैं। क्योंकि यह चुनाव ऐसे समय में हुआ जब कोरोना की मार झेलकर बिहार के प्रवासी मजदूर रोजगार छिन जाने के कारण मजबूरी में पलायन करके घर वापस लौटे थे।

एक तरफ बिहार में युवाओं की बड़ी आबादी है जो बेरोजगारी का संकट झेल रही है और कोरोना की वजह से यह संकट और भी बढ़ गया है। अब, जब राज्य के वोटरों ने बेरोजगारी और विकास को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है, तो ऐसे में सवाल लाजमी है कि बिहार के युवाओं की पसंद कौन। इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के Exit Poll के नतीजे चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद सामने आ गए हैं। आपको बता दें कि इस सर्वे में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलती नजर आ रही है। वहीं भाजपा-जद(यू) गठबंधन के हाथ से सत्ता खिसकती नजर आ रही है। 15 साल से जो सरकार बिहार में चल रही थी उसके खिलाफ यह जनादेश स्पष्ट दिख रहा है। तीन चरणों की वोटिंग खत्म होने के बाद इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल के जो आंकड़े सामने आये हैं उसमें सीएम नीतीश कुमार की सत्ता जाती हुई नजर आ रही है जबकि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन बड़े अंतर से जीत दर्ज करता हुआ नजर आ रहा है।

लेकिन इस सब के बीच इस सर्वे में एक अहम बात जो सामने नजर आ रही है वह यह है कि कांग्रेस जो अपना वजूद बिहार में तलाश रही थी सर्वे के रिपोर्ट की मानें तो बिहार में उसका स्ट्राइक रेट जद(यू) जो 15 साल से सत्ता में है उससे कही ज्यादा रहनेवाला है। इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक 70 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी कांग्रेस को 29 से 35 सीटें हासिल होती दिखाई दे रही हैं। वहीं राज्य में 115 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही जेडीयू को सिर्फ 26 से 34 सीटें मिलती नजर आ रही है। अगर चुनाव परिणाम एग्जिट पोल की तरह ही रहे तो स्पष्ट है कि बिहार की सत्ता चला रही जेडीयू बिहार में अपना वजूद तलाश रही कांग्रेस से भी कम सीटें जीत कर विधानसभा पहुंचने वाली है। यानी बिहार की अगली विधानसभा में नीतीश का कद कांग्रेस से भी छोटा होने वाला है। महागठबंधन की सहयोगी कांग्रेस ने 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। उसे 29 से 35 सीटें मिलती दिख रही हैं। इस तरह से कांग्रेस का बिहार में स्ट्राइक रेट 50 फीसदी के करीब आने की संभावना है। 2015 के चुनाव के आंकड़े देखें तो कांग्रेस 41 सीटों में से 27 सीटें जीतने में कामयाब रही थी।

नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जेडीयू ने बिहार में 115 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, जिनमें से उसे 26 से 34 सीटें मिलती दिख रही हैं। इस लिहाज से जेडीयू का स्ट्राइक रेट करीब 35 फीसदी है। 2015 में जेडीयू 101 सीटों पर चुनाव लड़कर 71 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। जहां उनका स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत था जो अबकि बार आधा होता नजर आ रहा है।

नीतीश के मुकाबले जनता का तेजस्वी में दिख रहा भरोसा

इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल में कुल 243 विधानसभा क्षेत्रों में सर्वे किया गया है और इसका सैंपल साइज 63081 रहा। इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल के आंकड़ों के मुताबिक बिहार के इस विधानसभा चुनाव में विकास का मुद्दा हावी रहा। करीब 42 फीसदी लोगों के अनुसार, विकास राज्य में सबसे बड़ा मुद्दा है जबकि 30 फीसदी लोगों ने माना कि राज्य में बेरोजगारी दूसरी सबसे बड़ी समस्या और मुद्दा है।

tejashwi nitish

इंडिया टुडे-एक्सिस-माय-इंडिया के एग्जिट पोल के आंकड़ों में तेजस्वी यादव बिहार में सीएम पद की पहली पसंद बनकर उभरे हैं। बिहार में 35 फीसदी लोगों ने नीतीश को सीएम पद की पहली पसंद माना है जबकि 44 फीसदी लोगों की पहली पसंद तेजस्वी यादव हैं। महिलाओं ने भी सीएम के तौर पर तेजस्वी को पहली पसंद के तौर पर जाहिर किया है। जबकि 42 फीसदी महिलाओं ने नीतीश का समर्थन किया। ऐसे ही पुरुषों के आंकड़े को देखें तो 37 फीसदी लोगों ने नीतीश को सीएम पद की पहली पसंद बताया जबकि 44 फीसदी पुरुषों ने तेजस्वी को सीएम के तौर पर अपना समर्थन दिया। एग्जिट पोल के ये आंकड़े अगर परिणामों में तब्दील होते हैं तो महागठबंधन को 139 से 161 सीटें मिल सकती है जिससे स्पष्ट बहुमत के साथ वहां तेजस्वी के नेतृत्व में सरकार बन सकती है जबकि एनडीए का इस चुनाव में सूपड़ा साफ होता हुआ नजर आ रहा है। नीतीश के नेतृत्व में एनडीए को सिर्फ 69 से 91 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है।

भले ही एनडीए को लग सकता है झटका, लेकिन पीएम मोदी का जादू फिर भी लोगों के सिर चढ़कर बोला

लेकिन सबसे आश्चर्य की बात यह है कि बिहार के मतदाताओं में अभी भी नरेंद्र मोदी का क्रेज बरकरार है। पीएम मोदी ने इस चुनाव में 12 रैलियां बिहार में की हैं। बिहार की जनता की सर्वे की आंकड़ों के लिहाज से मानें तो वह केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री के काम से खुश हैं।

PM Narendra Modi and Nitish Kumar

इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के Exit Poll की मानें तो 63 हजार से ज्यादा के सैंपल वाले इस सर्वे में 43 प्रतिशत लोग बता रहे हैं कि केंद्र के अच्छे कामों की वजह से उनको फिर से यही सरकार चाहिए जबकि 29 प्रतिशत को पीएम मोदी पसंद हैं। मतलब साफ है कि पीएम मोदी का जादू अभी भी प्रदेश की जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है।

इस सर्वे के आंकड़ों की मानें तो भाजपा से प्रदेश की जनता की नाराजगी नहीं है लेकिन नीतीश कुमार से उनकी नाराजगी साफ नजर आ रही है। भाजपा को पीएम मोदी के केंद्र में काम करने की वजह से उनका वोट बैंक राज्य में स्थिर नजर आ रहा है। लोगों को किसी भी तरह से पीएम मोदी से कोई शिकायत नहीं दिख रही है। शायद यही वजह है की NDA गठबंधन में जद(यू) से ज्यादा सीटें भाजपा को मिलती दिख रही है। हालांकि इस सर्वे में ग्रामीण क्षेत्र से 89 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र से 11 प्रतिशत सैंपल लिए गए। इस सर्वे की मानें तो एनडीए को 39 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 69-91 सीटें मिलने का अनुमान है। जिसमें 38-50 सीटें भाजपा के हिस्से में तो वहीं 26-34 सीटें जद(यू) के हिस्से में जाती दिखाई गई है। HAM पार्टी को 3-4 सीटें जीतने का अनुमान लगाया गया है तो वहीं भाजपा के शेयर की सीटों पर लड़ रही VIP को 2-3 सीटें मिल सकती हैं ऐसा बताया गया है। ऐसे में भाजपा और VIP की सीटें मिलाकर देखें तो आप स्वतः अनुमान लगा सकते हैं कि पीएम मोदी और भाजपा को लेकर इस सर्वे में लोगों के विचार जस-के-तस हैं। पीएम मोदी की लोकप्रियता में बिहार में कोई कमी नहीं आई है। लेकिन इस पूरे Exit poll में एक बात साफ दिख रही है की NDA में जदयू से बड़ी पार्टी BJP बनकर उभरेगी। लोग इसे कोविड -19 के बाद केंद्र सरकार का लिटमस टेस्ट मान रहे थे लेकिन ये चुनाव भाजपा के लिए बुरा नहीं है। पार्टी के लिहाज से भाजपा बिहार में अपनी हालत जस-की-तस बनाए रखने में कामयाब होती दिख रही है।