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साख के संकट से जूझ रहे टीवी चैनलों के बीच जन के भरोसे का आधार बनता सूर्या समाचार

विगत एक माह में सूर्या समाचार के खबरों के चयन और कार्यक्रम के प्रस्तुतिकरण के तौर तरीकों पर गौर करें तो निश्चित रूप न सिर्फ भरोसा पैदा होता है, बल्कि जनता के भरोसे के पीछे की वजह का भी पता चलता है। चैनल पर न तो पैनल डिस्कशन के नाम पर शोर शराबा दिखाई देता है और न ही पैनलिस्टों की आपस में भिड़ंत।

नई दिल्ली। खबरों की बदलती दुनिया और साख के संकट से जूझ रहे टीवी चैनलों के बीच अपना कदम मजबूती से जमाते सूर्या समाचार ने रिलॉन्चिंग के एक माह के अंदर ही अपनी जड़े इस कदर जमा ली है कि मीडिया विश्लेषक भी हतप्रभ हैं और चैनल के बेहतर भविष्य और खबरों के प्रति संजीदगी को देखकर आशान्वित भी। आज से एक माह पूर्व विजयादशमी के दिन जब लोग त्योहार की खुशियां मना रहे थे, तो ठीक उसी दिन आगाज हो रहा था, रिलॉन्चिंग हो रही थी सूर्या समाचार की। टैग लाइन था नया भारत, नया सवेरा। लेकिन सिर्फ बातों से न तो नया भारत बनता है और न ही नया सवेरा होता है। शायद ही किसी को भरोसा रहा होगा कि चैनलों की भेड़चाल और खबरों के नाम पर कुछ भी पड़ोस देने और टीआरपी की होड़ में बिना शामिल हुए सूर्या समाचार ने वो कर दिखाया है, जिसकी उम्मीद शायद ही किसी को रही होगी। लेकिन किसी भी मीडिया माध्यम के लिए सबसे जरूरी है जनता का भरोसा। और भरोसा पैदा होता है बेहतर टीम से और जनसरोकार से जुड़ी खबरों से।

विगत एक माह में सूर्या समाचार के खबरों के चयन और कार्यक्रम के प्रस्तुतिकरण के तौर तरीकों पर गौर करें तो निश्चित रूप न सिर्फ भरोसा पैदा होता है, बल्कि जनता के भरोसे के पीछे की वजह का भी पता चलता है। चैनल पर न तो पैनल डिस्कशन के नाम पर शोर शराबा दिखाई देता है और न ही पैनलिस्टों की आपस में भिड़ंत। ऐसे में आपके जेहन में ये बात आ सकती है आखिर सूर्या अलग कैसे है। अलग यूं कि सूर्या समाचार ने अपने प्रसारण क्षेत्र में आने वाले उन सभी राज्यों मसलन हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और पंजाब की जनता और सरकार की रीत-नीत से जुड़ी सभी खबरों को प्रमुखता से उठाया है। इस माह के अंदर ही हरित प्रदेश हरियाणा में किसानों के धान की फसल की आवक थी। फसल कटाई के बाद बारिश शुरू हो गई। मंडियों में किसान की फसल पहुंचने लगी थी। किसान परेशान थे। सूर्या समाचार ने किसानों की परेशानी के मद्देनजर न सिर्फ कृषि मंत्री को चैनल पर लाइव बैठाया, बल्कि किसानों को भी फोन लाइन पर लिया और किसानों और मंत्री के बीच सेतु का काम करते हुए जरूरी सवाल उठाए। इस क्रम में कृषि मंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि किसानों के फसल का एक दाना भी नहीं रुकेगा। साथ ही उन्होंने किसानों के खेत से पानी निकालने का भी आदेश दिया।

इसी तरह दीपावली के समय चैनल ने जनता की सेहत का ख्याल रखते हुए ‘ऑपरेशन मीठा’ जहर चलाकर मिलावटी मिठाइयों के प्रति आम जनता को आगाह किया। मिलावटी मिठाइयों के गोरखधंधे से जुड़ी खबरों के जरिए आम जन को आगाह किया और इसका असर होता भी दिखा। इतना ही नहीं दीपावली के मौके पर डॉक्टरों को चैनल पर लाइव बिठाकर अस्थमा या पटाखे की वजह से कोई दुर्घटना ना हो इसके विषय में भी आम जनता को आगाह करती हुई खबरें चलाईं गईं।

जब चैनल शुरू हुआ उसी वक्त हरियाणा में पंचायत चुनाव का आगाज हुआ। पंचायत यानी तीसरी सरकार, जिसका सीधा संबंध गांव से होता है। आम जन से होता है। सूर्या समाचार ने पंचायत चुनाव से जुड़ी अहम जानकारियों से तो जनता को आगाह किया ही साथ ही किसी भी स्तर पर कोई गड़बड़ी न हो। इस लिहाज से जनता को आगाह करती हुई खबरें प्रसारित कीं। प्रशासन को तो अलर्ट किया ही साथ ही चुनाव लड़ रहे आम लोगों जिसमें मतदाता से लेकर प्रत्याशी तक सब शामिल हैं, के हितों के साथ खड़े हुए ताकि किसी भी स्तर पर कोई दबंगई न हो। आम लोगों को पंचायत के फंड,अधिकार के संबंध में भी जनता को जागरूक करने संबंधी खबरें प्रसारित की। साथ ही पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में आधी आबादी भी चुनाव लड़ रही हैं, उनसे जुड़ी सकारात्मक खबरें भी सूर्या चैनल पर चलाईं गई।

रिलॉन्चिंग के एक माह के भीतर ही आदमपुर का उपचुनाव चैनल के लिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिहाज से बड़ा मौका था। इस दौरान सूर्या समाचार ने ना सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, बल्कि बहुत ही प्रमुखता से इस विधानसभा उपचुनाव को कवर किया। प्रत्याशियों की जीत-हार की संभावनाओं और उनकी दलगत राजनीति और चुनावी बिसात तक सीमित ना रहकर जनता के सरोकार से जुड़े जरूरी मुद्दे उठाए। ‘पहले करें मतदान, फिर करें जलपान’ जैसा अभियान चलाकर सूर्या समाचार ने मतदाताओं को सजग कर चुनाव अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान भी दिया। आदमपुर चुनाव के कवरेज के दौरान ही सूर्या समाचार पर सारंगपुर गांव की खबर भी प्राथमिकता से दिखाई गई। जहां वर्ड टावर है यानी इस गांव में पक्षियों का बसेरा है।

Surya Samachar

मात्र एक माह की अवधि में ही सूर्या समाचार की खबरों का असर होता दिख रहा है और जनता चैनल के द्वारा उठाए मुद्दों से जुड़ भी रही है। चैनल ने एक ऐसे ही मुद्दे को उठाया और उसे अंजाम तक पहुंचाया। आमतौर पर खबरें सुनने को मिलती थीं कि लड़के तेजाब फेकते हैं। लेकिन सोनीपत में एक ऐसा मामला आया जिसमें लड़की ने लड़के पर तेजाब फेंका। ये अपनी तरह की पहली घटना थी। सूर्या चैनल ने इस मामले को प्राथमिकता से उठाया और खबर दिखाने के बाद गिरफ्तारी भी हुई। यदि हिमाचल प्रदेश की बात करें तो चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश में भी चैनल बहुत ही कम समय में जनता के बीच अपनी पैठ जमाता दिख रहा है। हिमाचल चुनाव में चैनल के ग्रुप एडिटर मुकेश राजपूत ने शिमला के रिज मैदान से ‘बिग न्यूज, बिग शो’ किया और चुनावी समर में बड़ा मंच सजाया। इस दौरान सभी प्रमुख दलों के दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने दलों का पक्ष रखा लेकिन इस नवोदित चैनल से जिस तरह से इन स्थापित दलों के दिग्गजों से सवाल पूछे उसमें जनता के सरोकार की झलक थी न कि सिर्फ यह शो कौन जीता, कौन हारा या आरोप प्रत्यारोप तक सीमित रहा।

वहीं सूर्या समाचार के वर्तमान प्रदर्शन के दृष्टिगत यह कहना अनुचित नहीं होगा कि CEO एसबी नवरंग की अगुवाई में चैनल नए मुकाम हासिल कर रहा है। CEO एसबी नवरंग के मार्गदर्शन में चैनल जनसरोकर की ओर बढ़ रहा है। जिस अल्पावधि में चैनल ने दर्शकों के बीच अपनी पहचान विकसित की है, वह अद्भुत है।

जाहिर है सूर्या समाचार बहुत कम समय में जनता के बीच अपनी पैठ बनाने की गंभीर कवायद कर रहा है। सूर्या समाचार के जनसरोकारिता और जनपक्षधर होने की पुष्टि इस बात से भी होत है कि हिमाचल के किन्नौर में 13-14 मजदूर लैंड स्लाइड में फंस गए। चैनल ने इस खबर को प्राथमिकता से उठाया, उनकी हालत बताई। खबर का असर ये हुआ कि बात डीसी तक पहुंची और डीसी ने ना सिर्फ उनके सुरक्षित निकासी की व्यवस्था की, बल्कि उन्हें जल्द से जल्द राहत मिले, खाना पहुंचे इसका प्रबंध भी किया और इस खबर के लिए डीसी ने सूर्या समाचार की टीम को बधाई भी दिया। जाहिर है कि गांव-गली और कूचे की खबरें ही चैनल की प्राथमिकता है। जनता की आवाज बनने की कवायद करता सूर्या चैनल जिस तेजी से उभर रहा है, वो निश्चित रूप से मीडिया गुरुओं के लिए पहेली सरीखा है और जब तक यह पहेली सुलझेगी तब तक इस नवोदित चैनल को लेकर जनता में एक नया भरोसा गढ़ा जा चुका होगा। यही चैनल की प्राथमिकता भी है और मोटो भी। इस लिहाज से सूर्या समाचार अपने टैग लाइन नया भारत, नया सबेरा को चरितार्थ करता नजर आ रहा है।