नई दिल्ली। बीजेपी ने तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके के प्रमुख नेता वीपी दुरईस्वामी को अपने पाले में खींच लिया है। यह डीएमके को बहुत बड़ा झटका माना जा रहा है। बीजेपी राज्य के भीतर तेजी से अपनी जड़ें मजबूत करने में जुटी हुई है। इससे पहले डीएमके ने वीपी दुरईस्वामी को डीएमके के उप-महासचिव के पद से हटा दिया था।
दुरईस्वामी डीएमके के भीतर की कार्यशैली से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंवने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के कामों को बेहद करीब से देख रहा हूं। वह दलित समुदायों के जीवन के उत्थान के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।’
डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की दुरईस्वामी से बन नही रही थी। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने गुरुवार को वीपी दुरईसामी को पार्टी के उप-महासचिव के पद से हटाने की घोषणा की। इसकी जड़ में दुरईस्वामी की एक मुलाकात भी थी। उन्होंने तमिलनाडु बीजेपी के प्रमुख से मुलाकात की थी। डीएमके ने दुरईसामी की जगह सांसद एंथियूर पी. सेल्वराज को नियुक्त किया है।
दुरईस्वामी साल 2006 से 2011 के बीच तमिलनाडु विधानसभा के डिप्टी स्पीकर भी रह चुके हैं। वे दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि स्टालिन उन लोगों से घिरे हुए हैं जो उन्हें सही जानकारी नही दे रहे हैं। वे व्यक्तिगत तौर पर अच्छे नेता हैं मगर नेतृत्व के लिहाज से वे असफल हैं।