
अयोध्या। तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर को चढ़ाए जाने वाले लड्डू प्रसादम में चर्बी वाले घी का इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगने के बाद अब अयोध्या के राम मंदिर में भोग और प्रसाद का सैंपल लेकर जांच की जा रही है। अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला को रबड़ी और पेड़ा का भोग लगाया जाता है। इसके अलावा राम मंदिर आने वाले भक्तों को इलायची दाना दिया जाता है। राम मंदिर में भक्तों को प्रसाद चढ़ाने की पहले से ही मनाही है। फिर भी रबड़ी, पेड़ा और इलायची दाना का सैंपल लेकर जांच की जा रही है कि कहीं उसमें कोई मिलावट तो नहीं है।
जानकारी के मुताबिक खाद्य विभाग की टीम ने राम मंदिर में भोग और प्रसाद के सैंपल लिए और जांच के लिए ले गई। राम मंदिर प्रबंधन के अनुसार पहले भी प्रसाद की जांच होती रही है। कभी इसमें मिलावट नहीं पाई गई। बता दें कि तिरुमला लड्डू प्रसादम में मिलावट का खुलासा होने के बाद मंदिरों के प्रबंधन ने कई कदम उठाए हैं। लखनऊ के प्रसिद्ध मनकामेश्वर मंदिर में तो बाहर से प्रसाद लाकर चढ़ाने पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, ओडिशा के पुरी स्थित भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए जाने वाले भोग की वस्तुओं की भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
तिरुमला के लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल मिले घी के इस्तेमाल का दावा आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने किया था। चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि वाईएस जगनमोहन रेड्डी की सरकार के दौर में तिरुमला लड्डू प्रसादम तैयार करने के लिए जो घी खरीदा गया, उसमें ये मिलावट थी। वहीं, जगनमोहन रेड्डी ने आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि लगाए जा रहे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। हालांकि, गुजरात की लैब की रिपोर्ट के मुताबिक लड्डू प्रसादम के घी में चर्बी और मछली का तेल मिला। इस मामले में सियासत तो गर्माई है ही, साधु-संत भी जोरदार विरोध जता रहे हैं। साधु-संतों और विश्व हिंदू परिषद यानी वीएचपी ने मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से मुक्त करने की मांग की है।