India vs China: ‘बड़े आए भारत को आंख दिखाने वाले’…फिर भूला चीन अपनी हदें, तो भारत ने याद दिलाई उसे उसकी औकात, जानें पूरा माजरा

India vs China: हालांकि, आपको बता दें कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब चीन की ओर से बचकाना बयान सामने आया हो। इससे पहले भी कई मौकों पर चीन की ओर से बचकाने सामने आ चुके हैं। ध्यान रहे कि चीन और श्रीलंका संयुक्त रूप से एक-दूसरे की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करते हैं।

सचिन कुमार Written by: August 28, 2022 6:04 pm

नई दिल्ली। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने चीनी राजदूत को जिस तरह मुंहतोड़ जवाब दिया है, उससे वाकिफ होने के बाद अगर ड्रैगिन में तनिक भी लज्जा होगी, तो निकट भविष्य में वो कभी ऐसी हरकत नहीं करेगा, जैसा कि इस बार उसने की है। चलिए, पहले ये जान लेते हैं कि आखिर चीन ने ऐसा क्या किया है कि भारतीय उच्चायोग की तरफ उसके एवज में इतनी तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी । आइए, आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।

जानें पूरा माजरा

दरअसल, बीते दिनों चीनी सेना के जासूसी जहाज की श्रीलंका यात्रा को लेकर नई दिल्ली का ड्रैगन के साथ काफी विवाद बढ़ गया था, जिस पर चीनी राजदूत ने कह दिया था कि, ‘श्रीलंका अपने ‘उत्तबरी पड़ोसी’ (भारत) से आक्रामकता का सामना कर रहा है। इस पर पलटवार पर करते हुए भारतीय उच्चादयोग ने चीनी राजदूत के बयान को ‘राजनयिक शिष्टािचार का एक उल्लंरघन बताया था।’ चीनी राजदूत के बयान पर श्रीलंका स्थित भारतीय उच्यायोग ने कहा कि हमने चीनी राजदूत के बयान पर गौर किया है। बुनियादी शिष्टाचार का उल्लंघन उनका गुण हो सकता है। भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि भारत ने हमेशा से श्रीलंका की मदद की है और हमेशा ही करता रहेगा। भारत हमेशा ही दूसरे देशों के एजेंडों को पूरा करने में गुरेज ही करता रहा है। जैसा कि वर्तमान में भी देखने को मिल रहा है।

हालांकि, आपको बता दें कि यह कोई पहली मर्तबा नहीं है कि जब चीन की ओर से बचकाना बयान सामने आया हो। इससे पहले भी कई मौकों पर चीन की ओर से बचकाने सामने आ चुके हैं। ध्यान रहे कि चीन और श्रीलंका संयुक्त रूप से एक-दूसरे की संप्रभुता, स्वतंत्रता और क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा करते हैं। यह ताजा मामला चीन के जासूसी जहाज ‘युआन वांग 5’ को लेकर भड़का। इस चीनी जहाज 11 अगस्त को हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचना था लेकिन भारत के सुरक्षा चिंता जताने के बाद श्रीलंकाई अधिकारियों से उसे अनुमति नहीं मिलने के कारण इसके पहुंचने में देरी हुई थी। फिलहाल , इस पूरे मसले को लेकर दोनों ही देशों के बीच विवाद का सिलसिला शुरू हो चुका है। लेकिन, आगामी दिनों में दोनों ही देशों के बीच जारी द्वंद क्या रुख अख्तियार करती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए आप पढ़ते रहिए । न्यूज रूम पोस्ट.कॉम