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Video: सोनिया गांधी के समन को लेकर रिपोर्टर ने अजय माकन से पूछा सवाल, तो बौखलाए कांग्रेस नेता ने किया कुछ ऐसा

Ajay Maken: दरअसल,जब रिपब्लिक भारत के एक रिपोर्टर ने उनसे सोनिया गांधी को ED के समन के खिलाफ उनकी पार्टी के राष्ट्रव्यापी विरोध के बारे में सवाल किया, तो अजय माकन ने कहा, कि मुझे कोई जवाब नहीं देना। इसके बाद उन्होंने पुलिस वालों से रिपोर्टर को रोकने के लिए भी कहा। इसके बाद जब रिपोर्टर ने अजय माकन से लगातार प्रश्न पूछा की क्या ईडी सोनिया गांधी से पूछताछ नहीं कर सकती है।

नई दिल्ली। गुरुवार को नेशनल हेराल्ड मामले (National Herald Case) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से पूछताछ की। ईडी ने आज उनसे करीब 3 घंटे पूछताछ की है। जिसके बाद अब उन्हें  25 जुलाई को दोबारा पूछताछ के लिए फिर से बुलाया है। वहीं सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देशभर में विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता अजय माकन सोनिया गांधी के समन पर रिपोर्ट के सवाल से पहले भागते हुए दिखाई दिए। इतना ही नहीं जब उनसे रिपोर्टर ने दोबारा इस मामले को लेकर प्रश्न किया गया। तो वो तिलमिला गए। उन्होंने रिपोर्टर के माइक को भी धक्का दे दिया।

Sonia Gandhi

दरअसल,जब रिपब्लिक भारत के एक रिपोर्टर ने उनसे सोनिया गांधी को ED के समन के खिलाफ उनकी पार्टी के राष्ट्रव्यापी विरोध के बारे में सवाल किया, तो अजय माकन ने कहा, कि मुझे कोई जवाब नहीं देना। इसके बाद उन्होंने पुलिस वालों से रिपोर्टर को रोकने के लिए भी कहा। इसके बाद जब रिपोर्टर ने अजय माकन से लगातार प्रश्न पूछा की क्या ईडी सोनिया गांधी से पूछताछ नहीं कर सकती है। तो कांग्रेस नेता ने रिपोर्टर के माइक को धक्का मार दिया। इसके बाद अजय माकन रिपोर्टर को कहते है कि आप संविधान से ऊपर है।

यहां देखिए वीडियो-

जानिए क्या है मामला-

अब आपको बताते हैं कि नेशनल हेराल्ड का मामला दरअसल है क्या? साल 1937 में एजेएल कंपनी बनाकर नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला गया था। कंपनी घाटे में गई, तो कांग्रेस ने उसे 90 करोड़ का कर्ज दिया। इस कर्ज के एवज में यंग इंडियन कंपनी को एजेएल ने अपने 99 फीसदी शेयर दे दिए। यंग इंडियन में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के 38-38 प्रतिशत शेयर हैं। 99 फीसदी शेयर यंग इंडियन ने महज 1 करोड़ रुपए में खरीदे। इसी की जांच प्रवर्तन निदेशालय मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कर रही है।