जय श्रीराम के नाम पर जबरदस्ती के आरोप की सच्चाई, फर्जीवाड़े का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है अवॉर्ड वापसी गैंग, अब तक 19

Award Wapsi Gang: इससे पहले अवॉर्ड वापसी गैंगवालों ने महादेव की नगरी काशी को भी नहीं बक्शा था। यहां एक नेपाली का जबरिया सिर मूंडकर उस पर जय श्री राम लिखने की खबर सामने आई। कहानी ये बनाई गई कि उस आदमी को नेपाल के पीएम ओली के खिलाफ नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया और फिर सिर मूंडकर उस पर जय श्री राम लिख दिया गया। ये मामला भी पूरी तरह फर्जी निकला। बनारस पुलिस ने बताया कि उस आदमी को 1000 रुपए देकर यह पूरा नाटक रचवाया गया था।

Avatar Written by: June 16, 2021 10:53 am

अयोध्या में सरयू किनारे होगी राम की 151 मीटर ऊंची तांबे की प्रतिमा

नई दिल्ली। राम के नाम को बदनाम करने का ये नया तरीका ढूंढा गया है। अवॉर्ड वापसी गैंग ने राम के नाम पर झूठ और फर्जीवाड़ा फैलाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। मोदी के खिलाफ नफरत के ज़हर ने भगवान राम को भी नहीं बख्शा। ऐसी उन तमाम घटनाओं की सच्चाई अब सामने आ गई है जिसमें कथित तौर पर जय श्रीराम बोलकर जबरदस्ती करने के संगीन आरोप लगाए गए थे। ये सारी की सारी घटनाएं जांच में फर्जी पाई गईं मगर इनकी संख्या बताती है कि ये षडयंत्र कितने बड़े स्तर का है। सबसे ताजा मामला यूपी के गाजियाबाद का है जहां एक मुस्लिम बुजुर्ग से जबरदस्ती ‘जय श्री राम’ बुलवाने का इल्जाम लगाया गया। मुस्लिम बुजुर्ग ने 4 अज्ञात लोगों पर पिटाई और जबरन दाढ़ी शेव कराने का आरोप लगाया। इसके बाद आरोपों की बाढ़ आ गई। धर्म की दुकान चला रहे ओवैसी से लेकर झूठ की दुकान चला रहे AltNews के जुबैर तक ने जय श्री राम के नाम पर दुकानदारी चमकानी शुरू कर दी। मगर जांच के नतीजों ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। ये मामला ताबीज को लेकर हुए झगड़े का निकला जिसमें दो मुस्लिम आरोपी भी शामिल पाए गए।

Ghaziabad

इससे पहले अवॉर्ड वापसी गैंगवालों ने महादेव की नगरी काशी को भी नहीं बक्शा था। यहां एक नेपाली का जबरिया सिर मूंडकर उस पर जय श्री राम लिखने की खबर सामने आई। कहानी ये बनाई गई कि उस आदमी को नेपाल के पीएम ओली के खिलाफ नारे लगाने के लिए मजबूर किया गया और फिर सिर मूंडकर उस पर जय श्री राम लिख दिया गया। ये मामला भी पूरी तरह फर्जी निकला। बनारस पुलिस ने बताया कि उस आदमी को 1000 रुपए देकर यह पूरा नाटक रचवाया गया था।

ऐसा ही एक कुचक्र यूपी के नोएडा में रचा गया। यहां दावा किया गया कि आफताब आलम नाम के एक कैब ड्राइवर को जबरिया जय श्री राम बुलवाकर मार डाला गया है। ये जानकारी मोहम्मद आसिफ खान नाम के एक व्यक्ति ने दी। जांच में पता चला कि यह विवाद एक बुकिंग को लेकर शुरू हुआ था जिसे जानबूझकर सांप्रदायिक रंग दे दिया गया।

उन्नाव में तो बच्चों को भी जय श्री राम के नाम पर चलाए जा रहे एजेंडे में झोंक दिया गया। यहां क्रिकेट खेलने में स्थानीय लड़कों से हुए हुए विवाद और झगड़े को लेकर मदरसे के बच्चे काज़ी निसार मिस्बाही के पास पहुंचे। तो काजी ने खुद ही खेल खेल दिया। उन्होंने न केवल मदरसे के बच्चों से जबरन जय श्री राम बुलवाए जाने का फर्जीवाड़ा जोड़ दिया बल्कि धमकी भी दी कि अगर जुमे तक उनके बताए चार ‘दोषियों’ को नहीं पकड़ा गया तो कुछ भी हो सकता है। पुलिस की जांच में इस फर्जीवाड़े की कलई खुल गई। यहां तक कि प्रदेश के प्रमुख सचिव (सूचना) ने इस मामले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर सारे तथ्य जनता के सामने रखे।

lord rama

इसी तरह कानपुर के ऑटो-ड्राइवर आतिब पर हमले के मामले में जानबूझकर राम का नाम घसीटा गया। आतिब पर हमला जरूर हुआ था मगर यह नशे में हुई एक हाथापाई थी। उसे ईंट-पत्थर से मारकर मरणासन्न कर दिया गया था। यहां भी जय श्री राम की बात बिल्कुल झूठी निकली। जय श्री राम के नाम पर फर्जीवाड़े की इस फैक्ट्री से निकली अगली खबर राजस्थान की थी। यहां सीकर में एक आटोचालक ने आरोप लगाया कि उसे जबरिया जय श्री राम बोलने पर मजबूर किया गया। बाद में मालूम पड़ा कि ये सिर्फ जर्दा मांगने के सवाल पर हुई कहासुनी का मामला था। आरोपी शराब के नशे में गुम थे और उनका पुराना क्रिमिनल रिकॉर्ड भी रहा है।

इसी तरह तेलंगाना के भैंसा में मस्जिद की दीवारों पर ‘जय श्री राम’ लिखने का मामला सामने आया। पुलिस एक्शन में आई। सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए। आरोपितों की कुंडली जानकर सब हैरान रह गए। एक आरोपी मोहम्मद अब्दुल कैफ था जबकि दूसरा आरोपी नाबालिग था। मंशा साफ तौर पर दंगा भड़काने की थी।

ऑल्ट न्यूज का मोहम्मद जुबैर इस मामले में एक नही बल्कि कई कई बार घोषित तौर पर नफरत का ज़हर भड़काता पाया गया है। तनिष्क के विज्ञापन के मामले में भी उसने यही किया। उसने झूठ फैलाया कि कुछॉ लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगाकर तनिष्क के शोरूम पर हमला करने की प्लानिंग कर रहे हैं। ये सारी बात झूठ का पुलिंदा निकली। सच्चाई यह थी कि लोग शोरूम के बाहर बैठकर शांतिपूर्ण तरीके से नारेबाजी कर रहे थे।

Tanishq

एक अन्य मामले में दिल्ली निवासी मो. कामिल ने आरोप लगाया कि उसके भाई से सिर्फ इस बात के लिए मारपीट की गई क्योंकि आरोपित उससे ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए दवाब बना रहे थे। जांच में मामला आपसी मारपीट का निकला। यहां पूरी दंगे की साजिश थी।

मुजफ्फरनगर में तो राम के नाम पर आग लगाने की पूरी तैयारी हो चुकी थी। यहां कथित पीड़ित इमाम इमलाकुर रहमान ने पहले मुजफ्फर नगर में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई। यहां तक मामले में जय श्री राम का नामोनिशान नही था। फिर वे बागपत पहुंचे जहां ये कथित घटना घटी थी। उन्होंने यहां पूरी रिपोर्ट लिखवाई। इस रिपोर्ट में जय श्री राम भी जोड़ दिया गया और दाढ़ी नोचे जाने की बात भी। जांच में सारी तस्वीर साफ हो गई।

औरंगाबाद में तो शिकायतकर्ता एक दिन बाद खुद ही अपने बयान से पलट गया। यहां शेख आमेर ने एक मामूली कार विवाद को राम के नाम से जोड़ दिया।आमेर ने उन लोगों को सबक सिखाने के लिए जय श्री राम न बोलने पर पिटाई की फर्जी कहानी बनाई और पुलिस में शिकायत कर दी। शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद ही आमेर अपने बयान से पलट गया। उसने बताया कि ये सब कुचक्र अपने समुदाय के सदस्यों के बीच अपना कद बढ़ाने और झगड़ा करने वाले लोगों को सबक सिखाने के लिए रचा गया।

कुछ ऐसा ही घृणित कांड झारखंड में रचा गया। आरोप लगाया गया कि झारखंड की भाजपा सरकार में मंत्री सीपी सिंह ने कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी को जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया। मीडिया ने इस विवाद की सेलेक्टिव तस्वीर दिखाई। वीडियो के शुरुआती हिस्से को देखने से पता चलता है कि सीपी सिंह जय श्री राम पर कांग्रेस विधायक के कॉमेंट का जवाब दे रहे थे। मगर उसे दूसरा रूख दे दिया गया।

मीडिया का रोल भी इस मामले में एकतरफा ही दिखा। चंदौली की ऐसी ही एक कथित घटना के मामले में आज तक और इंडिया टुडे ने खबर चलाई कि खालिद नाम के एक आदमी ने जय श्री राम नहीं बोला, तो उसे आग में झोंक दिया गया। मगर चंदौली के एसपी संतोष कुमार सिंह ने सारी कहानी साफ कर दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ने खालिद के बयानों में विरोधाभास पाया है। उसे किसी समूह ने आग नहीं लगाई थी। उसने खुद ही आग लगा ली थी। खालिद अपने बयान में जिन दो गांवों का जिक्र कर रहा था, वे दोनो ही अलग अलग दिशाओं में स्थित थे।

इसी तरह कूचबिहार का किस्सा सामने आया कि यहां आप्सी मियाँ नाम के व्यक्ति ने अपने ही धर्म के असगर को कान पकड़ कर उठक-बैठक लगवाई और जय श्री राम बोलने पर मजबूर किया। अवार्ड वापसी गैंग ने बिना समझे बूझे इस निशाने पर भी गोली दाग दी। इस मामले में वे प्रथम दृष्टया ही शर्मसार हो गए।

ऐसा ही एक खेल दिल्ली के रोहिणी इलाके में खेला गया। दिल्ली के रोहिणी के सेक्टर-20 के मदरसे में पढ़ाने वाले मोहम्मद मोमिन ने आरोप लगाया कि जय श्री राम बोलने से इंकार करने पर कुछ लोगों ने उनकी कार को टक्कर मार दी। पुलिस ने जांच की लेकिन एक भी चश्मदीद गवाह ने मोमिन की बात का समर्थन नहीं किया। सीसीटीवी फुटेज से भी दावा खोखला ही निकला।

इसी तरह आंध्र के करीम नगर में ओवैसी की पार्टी के नेता अमजद उल्लाह खान ने दावा किया कि भाजपा-संघ के लोगों ने एक दूसरे समुदाय के किशोर को पीटा क्योंकि उसने जय श्री राम कहने से मना कर दिया था। मगर करीमनगर के कमिश्नर ने साफ कर दिया कि ये लड़का एक किशोरी को तंग करने को लेकर उस लड़की के पक्ष के हाथों पिटा था। यहां तक कि पिटने वाले के परिवार ने अपने लड़के की गलती भी कुबूल की।

कुछ ऐसे ही गुरुग्राम के मोहम्मद बरकत ने दावा किया कि कुछ हिन्दुओं ने उसे घेर कर मारा, उसकी इस्लामी गोल टोपी फेंक दी। उन्होंने उसे ‘जय श्री राम’ बोलने के लिए मजबूर किया। गुरुग्राम पुलिस ने 15 लोगों को हिरासत में लिया। 50 के करीब सीसीटीवी फुटेज खंगालीं। अंत में इस नतीजे पर पहुंची कि बरकत अली के साथ मार-पीट तो हुई, लेकिन न टोपी उछाली गई और न ही जय श्री राम बोलने के लिए मजबूर किया गया। यहां सिखाने पढ़ाने का भयावह सच भी सामने आया।

जून 2017 का महीना राजस्थान के नागौर में रची गई ऐसी एक साजिश का था। यहां लोगों के एक समूह ने एक रिकार्डिंग की। उनके चेहरे छिपे हुए थे। वे गाली-गलौज करते हुए एक महिला को प्लास्टिक के पाइप से पीटते हुए, उसे जबरन धार्मिक नारे लगाने के लिए मजबूर कर रहे थे। यह स्पष्ट नहीं था कि इस घटना को किसने रिकॉर्ड किया था, लेकिन वीडियो में साफ दिखाई दे रहा था कि लोग महिला को ‘अल्लाह’ और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर कर रहे थे। इस घटना में भी, अवॉर्ड वापसी गिरोह के लोगों ने ‘अल्लाह’ वाले हिस्से को आसानी से अनदेखा कर दिया और पूरी घटना को केवल ‘जय श्री राम’ भाग पर ध्यान केंद्रित किया। सच यहां भी सामने आया।

इसी कड़ी में मई 2020 में दिल्ली निवासी मो. कामिल ने आरोप लगाया कि उसके भाई से सिर्फ इस बात के लिए मारपीट की गई क्योंकि आरोपित उससे ‘जय श्रीराम’ बोलने के लिए दवाब बना रहे थे। पुलिस की जांच में ये मामला भी आपसी मारपीट का निकला जिसमें जानबूझकर जय श्री राम का नाम घसीटा गया। इस तरह से जय श्री राम के नाम पर साजिश की एक लंबी लिस्ट है जो अवॉर्ड वापसी गैंग के झंडाबरदारों और उनके कारिंदों को बेनकाब करती है।