नई दिल्ली। कांग्रेस दिल्ली विधानसभा के चुनाव में बुरी तरह पटखनी खा चुकी है। वह कहीं लड़ाई में नजर नहीं आ रही है। इसके बावजूद कांग्रेस के नेता आम आदमी पार्टी की जीत और बीजेपी की हार से बेहद खुश हैं। अपनी बुरी तरह हुई पराजय की बात छोड़कर वे बीजेपी की हार का जश्न मना रहे हैं। आलम ये रहा कि विकासपुरी से कांग्रेस उम्मीदवार मुकेश शर्मा ने काउंटिंग शुरू होने के एक घण्टे के भीतर अपनी हार स्वीकार कर ली।
दरअसल कांग्रेस पहले ही लड़ाई से बाहर हो चुकी थी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने दिल्ली में सिर्फ दिखावे के लिए रैलियां की। कांग्रेस का प्रचार अभियान भी बेहद सुस्त रहा। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने यहां तक कह दिया था कि उनकी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में कभी भी अच्छे प्रदर्शन करने की उम्मीद नहीं की।
अधीर रंजन चौधरी ने खुलकर अरविंद केजरीवाल की तारीफ की थी। उनका स्टैंड इस बात की गवाही दे रहा था कि कांग्रेस इस चुनाव में आम आदमी पार्टी के पीछे खड़ी हो चुकी है। चुनाव के नतीजों के बाद कांग्रेस के भीतर की खुशी इस बात को साबित कर रही है। अधीर रंजन ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का चुनाव हमने अपनी पूरी ताकत से लड़ा। इस चुनाव में बीजेपी ने सभी सांप्रदायिक एजेंडों को आगे रखा और अरविंद केजरीवाल जी ने विकास एजेंडे को आगे बढ़ाया। अगर केजरीवाल जीत जाते हैं, तो यह विकास के एजेंडे की जीत होगी।
सूत्रों के मुताबिक ने कांग्रेस कस्तूरबा नगर, सीलमपुर, गांधीनगर, चांदनी चौक, और मटिया महल जैसी कुछ ही सीटों पर अच्छे से लड़ी है। बाकी जगहों पर उसने आम आदमी पार्टी को वाक ओवर दे दिया। कांग्रेस ने साल 2013 में आठ सीटों पर जीत हासिल की थी। मगर 2015 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को एक भी सीट नही मिली थी।