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VIDEO:‘अंग्रेजों से भारत नहीं छोड़ने की अपील की थी, क्योंकि..’ CM पिनाराई का RSS पर जोरदार हमला, लगाया बड़ा आरोप

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आरएसएस विचारक गोलवलकर पर भी निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने गोलवलकर का जिक्र कर कहा कि यही तो देश के युवाओं को अंग्रेजी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने से इनकार करते थे। कहते थे कि ऐसा करके आप अपना समय जाया कर रहे हैं।

नई दिल्ली। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधा है। उन्होंने पथानामथिट्टा में आयोजित सीपीएम कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए आरएसएस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब देश गुलामी की बेड़ियों में बंधा हुआ था। जब देश अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोलने में जुटा हुआ था। जब युवा, बुजुर्ग और बच्चे अंग्रेजों से लोहा लेने पर आमादा थे। उस वक्त आरएसएस देश के युवाओं को अंग्रेजों के खिलाफ मोर्चा खोलने से मना किया करता था। वे युवाओं को सुझाव देते थे कि आप अग्रेजों के विरुद्ध बिगुल बजाकर अपना समय जाया कर रहे हैं। अपने स्वास्थ्य और धन को क्षति पहुंचा रहे हैं। आपके लिए उचित रहेगा कि आप अपने भविष्य को संवारने की दिशा में ध्यान क्रेंदित करें।

बता दें कि मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आरएसएस विचारक गोलवलकर पर भी निशाना साधा। मुख्यमंत्री ने गोलवलकर का जिक्र कर कहा कि यही तो देश के युवाओं को अंग्रेजी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने से इनकार करते थे। कहते थे कि ऐसा करके आप अपना समय जाया कर रहे हैं। यह आपके लिए उचित नहीं रहेगा। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री यही नहीं रूके। उन्होंने आगे जो कहा है। उस पर आगामी दिनों में सियासी संग्राम छिड़ने की भी संभावना है।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि संघ से जुड़े लोग स्वतंत्रता संग्राम में संलिप्त लोगों को निरुत्साहित करते थे। यही नहीं, भोलेभाले भारतीयों के समक्ष अंग्रेजी हुकूमत की वकालत भी करते थे और तो और वायसराय के पास जाकर उनसे अपना शासन यथावत बनाए रखने की अपील किया करते थे। विजयन ने आगे कह कि आरएसएस के लोग उन दिनों अंग्रेजों से भारत को नहीं छोड़ने की बात कहते थे। लेकिन दुर्भाग्य है कि इस संगठन के कुछ उत्तराधिकारी अभी-भी देश में शासन कर रहे हैं। बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री का यह बयान अभी खासा चर्चा में है।

हालांकि, अभी तक इस पर बीजेपी या आरएसएस में से किसी भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। अब ऐसी स्थिति में इस पर भारतीय राजनीति में किसकी क्या प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।