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HP Elections 2022 : हिमाचल प्रदेश की यह विधानसभा सीट बन गई सभी दलों के लिए सिरदर्द, यहां जानिए हिमाचल का पूरा गणित

Himachal Pradesh : यहां पर पिछले तीन चुनावों में कोई भी विधायक रिपीट नहीं कर पाया है। इस बार भाजपा से मुल्ख राज प्रेमी, कांग्रेस से किशोरी लाल और आप से प्रमोद कुमार सहित छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं।

शिमला। हिमाचल प्रदेश और गुजरात दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान पूर्ण हो चुके हैं। 8 दिसंबर को चुनाव के परिणाम आने हैं, इससे पहले सभी न्यूज़ चैनल अपने-अपने एग्जिट पोल आज दिखाने वाले हैं। अब से कुछ ही देर में सभी चैनलों के एक्जिट पोल सामने आ जाएंगे। उससे पहले आइए समझते हैं हिमाचल के गणित।

AAP & bjpबीते साल के मुकाबले कम मतदान

गौरतलब है कि बीते चुनाव 2017 के मुकाबले इस बार दो प्रतिशत कम मतदान हुआ है। इस बार कुल 89,855 मतदाताओं में से 57,021 ने अपने मत का इस्तेमाल किया और कुल मत प्रतिशत 63.46 रहा। विधानसभा क्षेत्र में 45,175 पुरुष और 44,679 महिला मतदाता हैं। इस चुनाव में इनमें से 26,029 पुरुष और 30,991 महिला मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया। इसके अतिरिक्त 835 बैलेट जारी हुए हैं, जबकि 1,497 सेना के मतदाता हैं।

बैजनाथ विधानसभा बन गई है सभी दलों के लिए बड़ी चुनौती

हिमाचल प्रदेश में शिव नगरी के रूप में विख्यात बैजनाथ सभी राजनीतिक दलों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र में इस बार कांग्रेस-भाजपा में सीधी टक्कर मानी जा रही है। हालांकि, चुनावी मैदान में छह प्रत्याशी उतरे हैं। ऐसा माना जाता है कि बैजनाथ विधानसभा क्षेत्र में हर पांच साल बाद विधायक बदल जाता है। यहां पर पिछले तीन चुनावों में कोई भी विधायक रिपीट नहीं कर पाया है। इस बार भाजपा से मुल्ख राज प्रेमी, कांग्रेस से किशोरी लाल और आप से प्रमोद कुमार सहित छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं।

इस बार हिमाचल प्रदेश में हुआ लगभग 75 प्रतिशत मतदान

आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार जमकर वोटिंग हुई है। चुनाव आयोग से मिले आंकड़ों के अनुसार राज्य में 74.61 प्रतिशत मतदाताओं ने वोट डाले हैं। दून विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 85.20 प्रतिशत, जबकि कसुम्पटी में सबसे कम 57 प्रतिशत वोटिंग हुई है।

BJP8 दिसंबर को है फैसले की घड़ी

हिमाचल प्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जहां की जनता के लिए भाजपा और कांग्रेस पार्टी दोनों ही दल खास नजर आते हैं। ये दोनों ही पार्टियों का गढ़ माना जाता है। दोनों के गढ़ माने जाने वाले क्षेत्रों का भी वोट वाइज आकलन किया गया। भाजपा के नेता और प्रत्याशी अपनी सरकार बना रहे हैं, जबकि कांग्रेस पार्टी बहुमत का दावा ठोक रही है। निर्दलीय उम्मीदवार भी जीत का दावा कर रहे हैं। इन नेताओं का गणित कितना सटीक बैठता है, इसका फैसला 8 दिसंबर को ईवीएम खोलने के बाद ही होगा।