
नई दिल्ली। उत्तराखंड में इन दिनों चार धाम यात्रा चल रही है। रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। बहुत से लोग टैक्सी से तो कई अपनी खुद की गाड़ियों से चार धाम यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते पहाड़ों पर सकरे रास्तों में कई बार जाम की स्थिति बन जाती है। पुलिस को बीच-बीच में कुछ जगहों पर नो एंट्री भी लगानी पड़ती है। इसी सब से बचने के लिए कुछ श्रद्धालुओं ने केदारनाथ जाने के लिए एंबुलेंस बुक कर ली ताकि एंबुलेंस को देखकर कोई रास्ता न रोके। हालांकि उनकी चालाकी काम नहीं आई और पुलिस ने उनको पकड़कर दोनों एंबुलेंस को सीज कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई के बाद अब इस मामले को लेकर खूब चर्चा हो रही है। यह पूरा मामला 14 जून का है। रुद्रप्रयाग पुलिस ने दो एंबुलेंस को सीज किया है जिनमें से एक राजस्थान नंबर की है जबकि दूसरी उत्तराखंड की है। इन दोनों एंबुलेंस में सवार होकर कुछ श्रद्धालु हरिद्वार से केदारनाथ जाने के लिए गौरीकुंड को निकले। एंबुलेंस को देखकर कहीं भी उनकी गाड़ी रोकी नहीं गई। जब एंबुलेंस सोनप्रयाग पहुंची तो वहां चेकपोस्ट पर तैनात एक पुलिसकर्मी का शक हुआ। क्योंकि उसके पास केदारनाथ या गौरीकुंड में किसी के बीमार होने की कोई सूचना नहीं थी।

होता यह है कि जब कोई श्रद्धालु केदारनाथ या गौरीकुंड में बीमार होता है और उसे एंबुलेंस की जरूरत होती है तो सोनप्रयाग पुलिस को खबर दी जाती है। इसी वजह से पुलिसकर्मी ने दोनों एंबुलेंस को रुकवाया और चेक किया। दरवाजा खोल कर देखा तो पुलिसकर्मी दंग रह गए। एंबुलेंस में कोई मरीज नहीं बल्कि लोग आराम से एसी में बैठे हुए थे। इसके बाद पुलिस ने मोटर अधिनियम एक्ट के तहत दोनों एंबुलेंस को जब्त कर लिया और उसमें सवार लोगों पर भी कानूनन कार्रवाई की गई।