नई दिल्ली। एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना के कहर की वजह से कराह रही है। ऐसे में पूरी दुनिया इस बात का इंतजार कर रही है कि कैसे दुनिया को इस वायरस से लड़ने के लिए एक वैक्सीन मिल सके। इस सब के बीच कोरोना काल में रूस ने तीन कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दे दी। वहीं भारत में भी कोरोना वैक्सीन को लेकर आस जगी है। सरकार की तरफ से लगातार इस बात से लोगों को आशान्वित कराया जा रहा है कि देश को जल्द ही कोरोना वैक्सीन मिल जाएगी ऐसे में कोरोनावायरस से अपने बचाव के लिए लगातार ऐहतियात बरतते रहें। इस सब के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 नवंबर को देश में वैक्सीन तैयार करनेवाली 3 कंपनियों जो अहमदाबाद स्थित जायडस कैडिला, हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया है के प्लांटों का दौरा किया था। वहां पहुंचकर पीएम मोदी ने वहां के वैज्ञानिकों से बात की थी और वैक्सीन के बारे में तमाम जरूरी जानकारियों को समझने की कोशिश की थी।
अब खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वैक्सीन के विकास पर काम करने वाली 3 टीमों के साथ बातचीत करेंगे। आपको बता दें कि PMO के ट्वीटर हैंडल के जरिए यह जानकारी साझा की गई हैं जिसमें लिखा गया है कि 30 नवंबर को पीएम नरेंद्र मोदी COVID-19 वैक्सीन विकसित करने में शामिल होने वाली 3 टीमों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करेंगे। पीएम मोदी जिन टीमों के साथ बातचीत करेंगे, उनमें जेनोवा बायोफार्मा, बायोलॉजिकल ई और डॉ.रेड्डी शामिल हैं। इस जानकारी के साथ ही लोगों को यह आशा जगी है कि अब जल्द ही देश के लोगों को कोरोना वैक्सीन मुहैया हो पाएगी।
Tomorrow, on 30th November 2020, PM @narendramodi will interact, via video conferencing, with three teams that are involved in developing a COVID-19 vaccine. The teams he will interact with are from Gennova Biopharma, Biological E and Dr. Reddy’s.
— PMO India (@PMOIndia) November 29, 2020
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी की इन तीन शहरों में स्थापित तीन वैक्सीन विकसित करनेवाली संस्थाओं के दौरे के बाद वहां से छनकर जो खबर आई उसके अनुसार वहां के वैज्ञानिकों ने इस बात को लेकर खुशी जताई कि प्रधानमंत्री ने उनके साथ मुलाकात कर उनके साहस को बढ़ाया और टीका विकास में उनके प्रयासों में तेजी लाने के लिए उनका उत्साहवर्धन किया। इसके साथ ही यह भी बताया गया कि प्रधानमंत्री इस बात से गौरवान्वित थे कि भारत का स्वदेशी टीका विकास इतनी तेजी से आगे बढ़ा।