नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर मांग की गई है कि कोर्ट दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दे कि वे कोरोना वारियर्स को दंडित न करें। दिल्ली पुलिस लॉकडाउन के पहले दो चरणों के दौरान लोगों के इलाज में जुटे कोरोनावायरस योद्धा डॉक्टरों के खिलाफ जारी ई-चालान को माफ करे।
दिल्ली हाईकोर्ट में यह जनहित याचिका इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (द्वारका) द्वारा दायर की गई है। याचिका में मांग की गई है कि कई चिकित्सकों और अन्य कोरोनावायरस योद्धाओं जैसे स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस, सुरक्षाकर्मियों और बैंककर्मियों पर यातायात के नियमों का उल्लंघन करने पर लगाए गए जुर्माने को तुरंत माफ करने के निर्देश दिए जाएं। याचिका के मुताबिक ये सभी लोग लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं पर थे। इस दौरान जगह जगह ट्रैफिक रूट्स बंद थे।
रूट डाइवर्जन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। ट्रैफिक सिगनल काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में जो ई चालान काटे गए, वे तकनीकी उपकरणों द्वारा बिना किसी विशिष्ट जानकारी और उचित आधार के काटे गए। याचिका में ये भी कहा गया है कि गति सीमा को लेकर एक व्यापक दिशानिर्देश तैयार किया जाए। सभी सड़कों पर समान रूप और दूरी पर आसानी से पहचानें जाने वाले गति सीमा साइनबोर्ड लगाएं जाएं ताकि वाहन चालक उन्हें आसानी से देख और समझ सकें। सड़क पर जेबरा क्रॉसिंग भी ऐसी हो जो साफ साफ दिखाई दे।
याचिका में दलील दी गई है कि लॉकडाउन के दौरान बनी परिस्थितियों में जरूरी सेवाओं से जुड़े स्वास्थ्य और अन्य कोरोना योद्धाओं पर किसी भी अपराध के बिना जुर्माना लगाया गया है जो कि पूरी तरह से अवैध है। दिल्ली हाईकोर्ट मामले पर 15 जून को सुनवाई करेगी।