नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी के आमने-सामने आने की खबरों के बीच, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को उत्पन्न स्थिति के बारे में स्पष्ट करना चाहिए और देशवासियों को बताना चाहिए कि सीमा पर क्या हो रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, राहुल गांधी ने कहा, “सीमा पर क्या हुआ, इस बारे में विस्तृत ब्यौरा सरकार को लोगों के साथ साझा करना चाहिए।”
उन्होंने कहा, नेपाल के साथ क्या हुआ और क्यों हुआ, लद्दाख में क्या हो रहा है, इसे स्पष्ट किया जाना चाहिए। राहुल ने कहा, “मुझे पारदर्शिता नजर नहीं आ रही। लद्दाख और चीन का मुद्दा एक जीवंत मुद्दा है। पारदर्शिता की जरूरी है।” राहुल ने यह भी कहा कि जब तक पारदर्शिता नहीं होगी, उस समय तक इस मुद्दे पर कुछ बोलना अच्छा नहीं होगा। उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास अधिक जानकारी आती है तो मैं इस मामले पर अधिक जानकारी साझा करूंगा।”
#WATCH Details of the border issue, what happened and how, the government should tell the nation in a transparent manner because there is no clarity. What happened in Nepal and how, what is happening in Ladakh and how… there should be transparency: Rahul Gandhi pic.twitter.com/oc7CEoooKL
— ANI (@ANI) May 26, 2020
वह एलएसी पर दोनों देशों के आमने-सामने आने के एक सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें भारतीय सीमा के भीतर भारत द्वारा सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास पर चीन द्वारा आपत्ति जताई गई थी। पिछले सप्ताह नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने जोर देकर कहा था कि लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा नेपाल के हैं और उन्होंने राजनैतिक और कूटनीतिक प्रयासों के माध्यम से भारत से इन्हें ‘पुन: प्राप्त’ करने का संकल्प लिया है।
उनके मंत्रिमंडल ने तीनों क्षेत्रों को नेपाली क्षेत्र के रूप में दिखाने वाले एक नए राजनीतिक मानचित्र का भी समर्थन किया। ओली ने एक कदम आगे बढ़कर नोपाल की संसद में कहा कि ये क्षेत्र नेपाल के हैं, लेकिन इन्हें एक विवादित क्षेत्र बना दिया गया है।