Vande Bharat Trial: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन के इस ट्रायल का वीडियो कर देगा आपको हैरान, 180 किलोमीटर की रफ्तार पर भी नहीं छलका गिलास से एक बूंद पानी

पिछले 8 साल के अपने कार्यकाल में मोदी सरकार ने रेलवे को वर्ल्ड क्लास बनाने की दिशा में तमाम कदम उठाए हैं। दिल्ली और मेरठ के बीच तेज रफ्तार ट्रेन चलने जा रही है। अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने के लिए पटरियां बिछाने और स्टेशन बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। 90 फीसदी के आसपास रेल रूट को बिजली के इंजनों के लिए तैयार किया गया है। कोरोना काल में पटरियों को भी बदलकर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने का काम अंजाम तक पहुंचाया गया है।

Avatar Written by: August 27, 2022 9:56 am
vande bharat express

नई दिल्ली। एक जमाना था, जब ट्रेन के डिब्बे टूटे-फूटे दिखते थे। ट्रेनें बैलगाड़ी की रफ्तार से चलती थीं और सारा सिस्टम अस्त व्यस्त था। वो भी तब जबकि कहा जाता था कि रेलवे अगर चाहे तो अपनी कमाई से सोने की पटरियां बिछा सकता है। खैर, अब वो दौर पीछे छूट गया है। पिछले 8 साल के अपने कार्यकाल में मोदी सरकार ने रेलवे को वर्ल्ड क्लास बनाने की दिशा में तमाम कदम उठाए हैं। दिल्ली और मेरठ के बीच तेज रफ्तार ट्रेन चलने जा रही है। अहमदाबाद से मुंबई तक बुलेट ट्रेन चलाने के लिए पटरियां बिछाने और स्टेशन बनाने का काम भी तेजी से चल रहा है। 90 फीसदी के आसपास रेल रूट को बिजली के इंजनों के लिए तैयार किया गया है। कोरोना काल में पटरियों को भी बदलकर ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने का काम अंजाम तक पहुंचाया गया है।

ashwini vaishnav

इन सबके बीच, मोदी सरकार ने रेलवे को दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की सौगात भी दी। आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर रेलवे अगले साल तक कुल 75 वंदे भारत ट्रेनों को पटरियों पर उतारने जा रहा है। ऐसे में चेन्नई और अन्य जगह वंदे भारत ट्रेन की रेक बनाने का काम तेजी से चल रहा है। सेमी हाईस्पीड की ये ट्रेनें देश के अलग-अलग शहरों को जोड़ेंगी और पटरियों पर फर्राटा भरती नजर आएंगी। इसी तरह के एक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की रैक का ट्रायल रन राजस्थान के कोटा से नागदा सेक्शन के बीच किया गया है। इस ट्रायल के दौरान ट्रेन को पहले 130, फिर 150 और फिर 180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाया गया। ट्रेन इस दौरान सभी पैरामीटर्स पर सफल रही। भारतीय रेलवे ने वंदे भारत की रैक का 180 किलोमीटर की रफ्तार पर ट्रायल का वीडियो भी जारी किया है।

वंदे भारत की रैक के परीक्षण के दौरान इसमें कंपन को जांचने के लिए पानी से लबालब भरा गिलास भी रखा गया। रेल और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रैक के ट्रायल का जो दूसरा वीडियो जारी किया है, उसमें साफ देखा जा सकता है कि 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वंदे भारत के ट्रायल के दौरान गिलास से एक बूंद पानी तक नहीं छलका।

कुल मिलाकर भारत में रेलवे के बेहतरीन दिन आ रहे हैं। इसके साथ ही यात्री सुविधाओं पर खासा जोर दिया जा रहा है। मोदी सरकार के दूसरे दौर में रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में काम जारी है। आने वाले दिनों में स्टेशनों का कायाकल्प कर उन्हें हवाई अड्डों की तरह बनाने की तैयारी भी की जा रही है। भोपाल के हबीबगंज स्टेशन समेत कई स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया भी गया है।