Politics: सहयोगी RLD चीफ जयंत चौधरी पर ही तंज कसने लगे अखिलेश यादव, विवाद की जड़ बने आजम खान
कयास ये लगाए जाने लगे हैं कि आजम खान एक बार फिर सपा छोड़ सकते हैं। आजम इससे पहले भी एक बार सपा को अलविदा कह चुके थे। मसला उस वक्त एक्ट्रेस जयाप्रदा का था। तब अमर सिंह सपा के महासचिव थे और जयाप्रदा के सिर पर उनका हाथ था।
लखनऊ। यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तमाम छोटी पार्टियों से हाथ मिलाया था। जिन पार्टियों से उन्होंने गठबंधन किया था, उनमें सबसे नामचीन राष्ट्रीय लोकदल RLD था। अब इसी आरएलडी के चीफ जयंत चौधरी और अखिलेश के बीच छत्तीस का आंकड़ा बनता दिख रहा है। इसकी वजह बने हैं सपा के सबसे बड़े मुस्लिम चेहरा रहे आजम खान। दरअसल, जयंत चौधरी ने बीते दिनों आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद जयंत चौधरी ने कहा था कि 2024 के चुनाव के लिए वो विपक्ष के एक नए गठजोड़ की उम्मीद करते हैं। जयंत के इसी बयान पर अखिलेश ने उनपर तंज कसा है।
अखिलेश से जब एक टीवी चैनल के पत्रकार ने इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अच्छी बात है कि जयंत ने आजम खान के परिवार से मुलाकात की, लेकिन मैंने उन्हें नहीं भेजा। दरअसल, आजम खान को लेकर पिछले कुछ दिनों से समाजवादी पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। आजम खान के प्रतिनिधि ने बीते दिनों बयान दिया था कि अखिलेश यादव ने आजम को जेल से रिहा कराने के लिए कुछ नहीं किया। उसने ये भी कहा था कि अखिलेश ने मुसलमानों का वोट तो हासिल किया, लेकिन इस समुदाय के बारे में सोचते तक नहीं हैं।
ऐसे में कयास ये लगाए जाने लगे हैं कि आजम खान एक बार फिर सपा छोड़ सकते हैं। आजम इससे पहले भी एक बार सपा को अलविदा कह चुके थे। मसला उस वक्त एक्ट्रेस जयाप्रदा का था। तब अमर सिंह सपा के महासचिव थे और जयाप्रदा के सिर पर उनका हाथ था। अमर सिंह ने जयाप्रदा को रामपुर से सांसदी का चुनाव लड़वाया था। आजम को ये गवारा नहीं था और इस वजह से वो सपा को अलविदा कह गए थे। सपा से अमर सिंह की विदाई के बाद आजम फिर पार्टी में लौटे थे।