newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Twitter: पहले किया विवादित ट्वीट, फिर शायर मुनव्वर राणा ने कर दिया डिलिट, अब लोग कर रहे उनका अकाउंट बंद करने की मांग

Twitter: मुनव्वर राणा (Munawar Rana) वही हैं जिन्होंने एक फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी जिन्हें पैगंबर मुहम्मद के चार्ली हेब्दो कैरिकेचर को दिखाने के लिए एक आतंकवादी ने मार डाला था की हत्या का समर्थन करते नजर आए थे। अब ट्विटर (Twitter) पर लोग ट्विटर से मुनव्वर राणा के इस ट्वीट पर सवाल पूछ रहे हैं और ध्यान देने के लिए कह रहे हैं कि क्या राणा को इसके लिए स्थायी रूप से इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से रोक नहीं देना चाहिए।

नई दिल्ली। हाल ही में जो अमेरिका की संसद में हुआ उसको लेकर ट्विटर ने डोनाल्ड ट्रंप पर अपने समर्थकों को भड़काने का आरोप लगाया और पिर उनके अकाउंट को स्थायी रूप से बंद कर दिया गया। दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति के साथ ऐसा करके ट्वीटर ने यह बताने की कोशिश की कि वह किसी भी हालत में भड़काऊ कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म के जरिए प्रसारित करने नहीं देंगे। आपको पता होगा कि ट्विटर सीईओ ने साल 2015 में अपने ट्वीट में कहा था कि ट्विटर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खड़ा है। लेकिन भारत में ऐसा कुछ भी ट्विटर से नहीं हो पा रहा है। इसिलिए तो ट्विटर पर भी कई लोग यह इल्जाम लगा रहे हैं कि इस्लामवादी मुल्क और चीनी प्रोपेगेंडा ने इस प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह से खरीद लिया है। यह प्लेटफॉर्म सिर्फ अपने फायदे के लिए स्टैंड लेता है। ट्विटर पर लोगों ने दूसरों के विचारों के प्रति बेशर्मी से असहिष्णुता दिखाने का भी इल्जाम लगाया।

Munawwar Rana

लेकिन आपको बता दें कि कुछ ऐसा ही ट्विटर पर अपने अकाउंट से रविवार को भारत के मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने ट्वीट किया। हालांकि ट्वीट के बाद बवाल बढ़ा तो राणा को अपनी गलतियों का एहसास हो गया। सरकार का विरोध करते-करते मुनव्वर राणा कई बार हाल के दिनों में ऐसा कुछ कह गए हैं जिससे लगने लगा है कि उनके अंदर सियासत की नहीं अपने धर्म को बचाने की आग जल रही है। आपको पता होगा कि फ्रांस में हुई हिंसक घटना का भी मुनव्वर ने जमकर समर्थन किया था और तब भी उनको खूब विरोध का सामना करना पड़ा था।

munawwar rana

देश में किसान सड़कों पर हैं। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार सरकार के साथा बातचीत कर रहे हैं। वह सरकार से इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो इस सब के बीच मुनव्वर राणा को अपना फायदा दिखा गया। उन्होंने रविवार को सोशल मीडिया पर हिंसा के लिए एक भीड़ को उकसाने के लिए सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिख दिया। जिसमें राणा ने संसद भवन को ध्वस्त करने और भंडारण वाले गोदामों को आग के हवाले कर देने का आह्वान किया। इसके बाद जब बात बढ़ी तो उन्होंने ट्वीट तो हटा लिया और कहने लगे उनका इरादा हिंसा के लिए उकसाने का नहीं बल्कि एक प्रतीक के रूप में इन शब्दों का अपनी शायरी में उन्होंने इस्तेमाल किया। मुनव्वर राणा एक जानेमाने शायर हैं लेकिन उन्हें पता ही नहीं चला कि सत्ता का विरोध करते-करते कब वह धर्म का संरक्षण और देश का विरोध करने लगे उन्हें पता ही नहीं चला।

अपने ट्विटर अकाउंट पर मुनव्वर राणा ने लिखा था, “इस मुल्क के कुछ लोगों को रोटी तो मिलेगी, संसद को गिरा कर वहां कुछ खेत बना दो…अब ऐसे ही बदलेगा किसानों का मुक़द्दर, सेठों के बनाये हुए गोदाम जला दो…मैं झूठ के दरबार में सच बोल रहा हूं, गर्दन को उड़ाओ, मुझे या ज़िंदा जला दो.”

मुनव्वर राणा वही हैं जिन्होंने एक फ्रांसीसी शिक्षक सैमुअल पैटी जिन्हें पैगंबर मुहम्मद के चार्ली हेब्दो कैरिकेचर को दिखाने के लिए एक आतंकवादी ने मार डाला था की हत्या का समर्थन करते नजर आए थे। अब ट्विटर पर लोग अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर से मुनव्वर राणा के इस ट्वीट को लेकर सवाल पूछ रहे हैं और ध्यान देने के लिए कह रहे हैं कि क्या राणा को इसके लिए स्थायी रूप से इस प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से रोक नहीं देना चाहिए। बात भी सही है अगर मुनव्वर राणा की सोशल मीडिया पर लिखा पंक्तियां लोगों को हिंसा के लिए नहीं उकसा रही हैं तो फिर डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट ने कैसे लोगों को हिंसा के लिए भड़काया होगा।