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Bihar: पटना में दो आतंकी गिरफ्तार, एक आतंकी निकला रिटायर्ड दारोगा, पीएम मोदी का बिहार दौरा था निशाने पर

Bihar: जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इन लोगों के पास जो लड़के आतंक की ट्रेनिंग लेने के लिए आया करते थे वो ज्यादातर केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और अन्य कई राज्यों से थे। पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों से इन दोनों संदिग्ध आतंकवादियों को पैसे की फंडिंग भी हुआ करती थी।

नई दिल्ली। पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में एक आतंकवादी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ है। बता दें, इनका निशाना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का वो बिहार दौरा था जिसके लिए वो बीते 12 जुलाई को पटना पहुंचे थे। पीएम मोदी के दौरे पर हमले के लिए 15 दिन पहले फुलवारी शरीफ में संदिग्ध आतंकियों की ट्रेनिंग का काम भी शुरू हो गया था। वहीं पर छापेमारी के दौरान इन संदिग्धों की धरपकड़ हुई है। पुलिस ने मामले में जिन दो लोगों की गिरफ्तारी की है वो चौंकाने वाली है। दरअसल, इन गिरफ्तार किए गए दोनों कथित आतंकवादियों में से एक झारखंड पुलिस का रिटायर्ड दरोगा मोहम्मद जलालुद्दीन है तो वहीं, दूसरा अतहर परवेज है। अतहर परवेज उसी मंजर का सगा भाई है जो कि पटना के गांधी मैदान में हुए बम धमाके का आरोपी है।

pfi members arrested in bihar

इस मामले को लेकर पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया है कि दोनों संदिग्ध आतंकवादियों के तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SD0PI) से जुड़े हुए हैं। दोनों के पास से पुलिस ने पीएफआई का झंडा, बुकलेट, पंपलेट और कई संदिग्ध दस्तावेजों को भी बरामद किया है। इनमें भारत को 2047 तक इस्लामिक मुल्क बनाने का भी जिक्र किया गया है।

आतंक की चला रहे थे पाठशाला

पुलिस ने मामले में ये भी खुलासा किया है कि यह दोनों संदिग्ध आतंकवादी पिछले कुछ समय से पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में आतंक की क्लास चलाने का काम कर रहे थे। पुलिस की मानें तो अतहर परवेज मार्शल आर्ट और शारीरिक शिक्षा देने के नाम पर मोहम्मद जलालुद्दीन के एनजीओ का संचालन कर रहा था। बताया जा रहा है कि ₹16000 से अतहर ने किराए पर मोहम्मद जलालुद्दीन के फुलवारीशरीफ स्थित अहमद पैलेस, नया टोला इलाके में फ्लैट लिया था। यही से वो देश विरोधी मुहिम चलाने का काम कर रहे थे।

देते थे लड़कों को ट्रेनिंग

बताया ये जा रहा है कि दोनों (अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन) एनजीओ के नाम पर आतंक की फैक्ट्री चलाने का काम कर रहे थे। इनका मुख्य उद्देश्य मुस्लिमों को हिंदुओं के खिलाफ भड़काना था। ये दोनों ही मुस्लिम नौजवानों को अस्त्र-शास्त्र की ट्रेनिंग देते थे

कई राज्यों से आते थे लड़के

जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इन लोगों के पास जो लड़के आतंक की ट्रेनिंग लेने के लिए आया करते थे वो ज्यादातर केरल, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और अन्य कई राज्यों से थे। पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और तुर्की समेत कई इस्लामिक देशों से इन दोनों संदिग्ध आतंकवादियों को पैसे की फंडिंग भी हुआ करती थी ताकि यह देश में रहकर बिना किसी परेशानी के देश विरोधी मुहिम चला सके।