कोरोना के कहर के सामने उद्धव ठाकरे ने टेके घुटने, पीएम मोदी से की ये मांग
उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में माना की राज्य में केंद्रीय पुलिस के तैनाती की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम केंद्रीय पुलिस बल की राज्य में स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए तैनाती की मांग करते हैं। इस पर विचार किया जाना चाहिए।
नई दिल्ली। देशभर में कोरोना महामारी के बीच सबसे ज्यादा बुरी हालात अगर किसी राज्य की है तो वह है महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में इसका कहर इतना तगड़ा है कि वहां के सीएम उद्धव ठाकरे के चेहरे पर भी अब चिंता की लकीरें साफ नजर आने लगी है। वहीं लॉकडाउन को बढ़ाने को लेकर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश के सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हो रही थी। इस बैठक में चार राज्य के मुख्यमंत्रियों ने स्पष्ट तौर पर इस बात की मांग रख दी की लॉकडाउन को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि इसपर फैसला बाद में लिया जाएगा। लेकिन इस मांग को उठाने वाले राज्यों में महाराष्ट्र भी एक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सभी मुख्यमंत्रियों के साथ 5 वीं बार वीडियो कांफ्रेंसिंग कर रहे थे। जहां महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और पंजाब के सीएम ने पीएम से कोरोना के बढ़ते मामले और बिगड़ते हालात के बीच लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की। वहीं उद्धव ठाकरे ने इस बैठक में माना की राज्य में केंद्रीय पुलिस के तैनाती की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम केंद्रीय पुलिस बल की राज्य में स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए तैनाती की मांग करते हैं। इस पर विचार किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि राज्य पुलिस बिना किसी आराम के काम कर रही है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि पुलिस को आराम के लिए आवश्यक समय दिया जाए।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चिकित्सा उपकरणों, विशेष रूप से पीपीई वेंटिलेटर आदि पर जीएसटी माफ किया जाना चाहिए। ग्रीन जोन में, हम पहले ही आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दे चुके हैं। अंतर-जिला गतिविधियां स्क्रीनिंग के सख्त पालन के साथ होनी चाहिए। सोशल मीडिया के माध्यम से फैली अफवाहों पर रोक लगाने के प्रयासों की निगरानी की जानी चाहिए।
उद्धव ने कहा, “इस परिस्थिति में कठिनाइयों से पार करने के लिए हम किसानों के लिए ऋण लेने की कोशिश कर रहे हैं। प्रवासी मजदूर हमारे राज्य को छोड़ रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है कि वे इस वायरस को अपने घरों तक वापस न ले जाएं।’
उन्होंने यह भी कहा, ‘हमें प्रवासियों को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए, यदि संभव हो तो उन्हें यहीं रहना चाहिए और हमें उनकी मदद करनी चाहिए। लॉकडाउन को खत्म नहीं जाना चाहिए, हमें इसे विनियमित करना चाहिए और छूटें देनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं के लिए ट्रेनों को अनुमति दी जानी चाहिए।