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Maharashtra: कृषि कानून को लेकर CM उद्धव ठाकरे ने जो कहा उससे कांग्रेस-NCP को लग सकती है मिर्ची!

Farm Bills: उद्धव ठाकरे(Uddhav Thackeray) ने कहा कि, ‘भारत दुनिया के सबसे बड़े कृषि राष्ट्रों में से एक है। हमें इस बात पर जोर देना चाहिए कि हरित क्रांति के बावजूद देश में किसान(Farmers) क्यों आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार किसान संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर कृषि कानून के बारे में निर्णय लेगी।’

नई दिल्ली। कृषि कानून को लेकर जहां विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ खड़ा है वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कुछ ऐसा बयान दिया है जिससे महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी कांग्रेस और एनसीपी को बुरा लग सकता है। दरअसल सीएम उद्धव ठाकरे ने कृषि कानून को लेकर मोदी सरकार के समर्थन में रहने के संकेत दिये हैं। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘उनकी सरकार नए कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ नहीं थी।’  इस दौरान उन्होंने ‘विभिन्न कृषि संगठनों के प्रतिनिधियों से कहा कि “अंधे समर्थन” को बढ़ाने के बजाय कानून में कमियों को बताना आवश्यक है।’ उद्धव ठाकरे ने कहा कि, इस समय सभी पार्टियों को ‘राजनीतिक मकसद छोड़कर किसानों के लाभ के लिए एकजुट होना चाहिए।’ किसानों को लेकर उन्होंने आगे पुष्टि करते हुए कहा कि ‘महाविकास अघाड़ी द्वारा कानूनों में किए गए सुधारों का विरोध नहीं किया गया था। शिवसेना प्रमुख ने कहा कि पिछले कृषि कानूनों के कार्यान्वयन से उत्पन्न अनुभवों की जांच करना महत्वपूर्ण है।’

CM Uddhav Thackeray

उद्धव ठाकरे ने कहा कि, ‘भारत दुनिया के सबसे बड़े कृषि राष्ट्रों में से एक है। हमें इस बात पर जोर देना चाहिए कि हरित क्रांति के बावजूद देश में किसान क्यों आत्महत्या कर रहे हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि महाराष्ट्र सरकार किसान संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर कृषि कानून के बारे में निर्णय लेगी।’

कृषि बिलों को लेकर राजनीतिक दलों के विभिन्न मत हैं। शिवसेना के अलावा अन्य विपक्षी दलों जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा, बसपा, और माकपा, के विपरीत, शिवसेना ने तीनों तीन कृषि बिलों का लोकसभा में समर्थन किया था। वहीं राज्यसभा में संजय राउत ने इस कानून का विरोध किया था। इसके बाद संजय राउत ने अन्य दलों के साथ इस बिल को लेकर राष्ट्रपति के पास भी गए थे।

Uddhav Thackrey Sanjay Raut

बता दें कि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020,  किसान प्रोडक्ट्स व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन) सुविधा) विधेयक, 2020 और लोक सभा में मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 के किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता विधेयक राष्ट्रपति की अनुमति के बाद कानून में बदल गया।

इस कानून को लेकर जहां विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया वही मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि इस कानून से किसानों का कोई नुकसान नहीं होने वाला है। उन्होंने कहा कि इस कानून के ले न्यूनतम समर्थन मूल्य खत्म नहीं किया जा रहा है। विपक्ष उन्हें लगातार गुमराह करने की कोशिश कर रही है।