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महाराष्ट्र में सियासी संग्राम जारी, उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को किया फोन

उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को फोन कर महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बातचीत की। इस दौरान उद्धव ने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में राज्य में राजनीतिक अस्थिरता बिल्कुल सही नहीं है।

नई दिल्ली। देश में जारी लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी तेज दिखाई दे रही है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच तनातनी देखने को मिल रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट से दो बार प्रस्ताव पास कर भेजा है, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। जिसकी वजह से संवैधानिक संकट गहराता जा रहा है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से तनातनी के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार की रात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।

Uddhav-Thackeray-PM-Modi

सूत्रों की मानें तो उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को फोन कर महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति पर बातचीत की। इस दौरान उद्धव ने कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में राज्य में राजनीतिक अस्थिरता बिल्कुल सही नहीं है। इससे राज्य में गलत संदेश जाएगा, जिससे इस संकट के समय में हमें बचना चाहिए। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्धव को आश्वासन दिया है कि वो जल्द से जल्द इस मामले को देखेंगे।

सीएम उद्धव ठाकरे की पीएम मोदी से बातचीत के दौरान मंगलवार को उद्धव ठाकरे को विधान परिषद का सदस्य मनोनीत करने के प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला।  इस मामले में राज्य कैबिनेट ने सोमवार शाम राज्यपाल को दूसरी बार प्रस्ताव भेजा था, जिसमें उद्धव ठाकरे को MLC के लिए मनोनीत करने का आग्रह किया गया है। हालांकि, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अभी तक सरकार के प्रस्ताव पर कोई फैसला नहीं लिया है।

चलिए आपको बताते हैं कि इस मसले के पीछे आखिर पूरी कहानी क्या है। दरअसल उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो वे विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। ऐसे में संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है।

ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है। ऐसे में महाराष्ट्र के अंदर राजनीतिक अस्थिरता को लेकर उद्धव ठाकरे चिंतित नजर आ रहे हैं। क्योंकि महाराष्ट्र भारत का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित राज्य है, इसलिए चिंताएं और बढ़ जाती हैं। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की ग़ुज़ारिश की है।