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पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में दिखी अभूतपूर्व वृद्धि, 1951 से लेकर 2021 तक स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए वृद्धि के आंकड़े आए सामने

प्रतिवेदन में नजर डालने पर मालूम पड़ रहा है कि आजादी के बाद से लेकर अब तक स्वास्थ्य के मोर्चे पर विभिन्न सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं, लेकिन मौजूदा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का कोई सानी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, जहां साल 1951 में चिकित्सकों की संख्या जहां 16 हजार 550 थी, तो वहीं 1961 में चिकित्सकों की संख्या 83 हजार 756 थी, तो वहीं 1971 में 1 लाख 51 हजार 129 थी। इसके साथ ही 1981 में चिकित्सकों की संख्या 2 लाख 68 हजार 712 थी।

नई दिल्ली। याद है आपको वो तारीख…जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए थे। नहीं याद है तो हम आपको बता दें कि 26 मई 2014 को वो प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुए थे। इसके बाद फिर 2019 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजनीतिक समर में सफल होने में कामयाब रहे। अपने दोनों ही कार्यकाल में पीएम मोदी ने जनता के हित में कई बड़े कदम उठाए। खासकर शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ की दिशा में मौजूदा सरकार ने अभूतपूर्व कार्य किए, ताकि देश के साथ-साथ आम जनता का भी विकास हो सकें। अब इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जा रहे ऐसे ही सराहनीय कार्यों की तस्दीक करने वाली रिपोर्ट सामने आई है। आइए, आपको हम इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल, सामने आए इस ग्राफ में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा व मौजूदा सरकार द्वारा स्वास्थ्य के मोर्चे पर जनहित को ध्यान में रखते हुए किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया गया है। यही नहीं, सामने आई इस रिपोर्ट में ग्राफ के जरिए मौजूदा व पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बीच के विभेद के बारे में भी विस्तार से बताया गया है। सार्वजनिक हुए प्रतिवेदन में साल 1951 से लेकर साल 2021 तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए प्रयासों के बारे में बताया गया है।

प्रतिवेदन में नजर डालने पर मालूम पड़ रहा है कि आजादी के बाद से लेकर अब तक स्वास्थ्य के मोर्चे पर विभिन्न सरकार ने सराहनीय कार्य किए हैं, लेकिन मौजूदा सरकार द्वारा किए गए कार्यों का कोई सानी नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक, जहां साल 1951 में चिकित्सकों की संख्या 16 हजार 550 थी, तो वहीं 1961 में बढ़कर 83 हजार 75 हो गई। साल 1971 में 1 लाख 51 हजार 129 थी। इसके साथ ही 1981 में चिकित्सकों की संख्या 2 लाख 68 हजार 712 थी। वहीं, 1992 में चिकित्सकों की संख्या 3 लाख 95 हजार 851 थी, जो कि 2003 में चिकित्सकों की संख्या बढ़कर 6 लाख 5 हजार 840 हो गई थी। बता दें कि 2003 में चिकित्सकों की संख्या 8 लाख 32 हजार थी। 2012 में चिकित्सकों की संख्या 8 लाख 83 हजार 812 थी, जो कि अब 2021 में बढ़कर 13 लाख 1 हजार 319 हो चुकी है।

उधर, नर्सों की संख्या में भी अभूतपूर्व वृद्धि मौजूदा सरकार के नेतृत्व में देखने को मिल रही है। मौजूदा प्रतिवेदन के मुताबिक, 1951 में जहां नर्सों की संख्या 16 हजार 550 थी, तो वहीं 1961 में बढ़कर 35 हजार 584 हो गई थी। उधर, 1971 में 80 हजार 80 हजार 620 हो गई। 1981 में नर्सों की संख्या 1 लाख 5 हजार 280 हो गई। 1992 में नर्सों की संख्या बढ़कर 3 लाख 85 हजार 410 हो गई। 2003 में 8 लाख 32 हजार हो गई। 2012 में नर्सों की संख्या 21 लाख 24 हजार 667 हो गई थी। 2021 के में नर्सों की संख्या 33 लाख 41 हजार हो गई। तो इस तरह से बतौर पाठक आप देख सकते हैं कि मौजूदा सरकार में किस तरह से स्वास्थ्य मानवीय उपकरणों में अभूतपूर्व वृद्धि करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं । बहरहाल, बतौर पाठक आपका इन उपरोक्त आंकड़ों पर क्या कुछ कहना है। आप हमें कमेंट कर बताना बिल्कुल भी मत भूलिएगा। तब तक के लिए आप देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों से रूबरू होने के लिए पढ़ते रहिए। न्यूज रूम पोस्ट.कॉम