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UP: किसान दिवस पर CM योगी ने गिनाए कृषि कानून के फायदे, विपक्ष को सुनाई जमकर खरी खोटी

National Farmers Day: विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग जब सत्ता में आते थे तो चीनी मीलों के बंद होने पर चुप्पी साध लेते थे। लेकिन हमारी सरकार में कोरोना काल के दौरान भी चीनी मिलें चलती रही।

नई दिल्ली। देश आज यानी बुधवार को राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) मना रहा है। हर साल 23 दिसंबर को देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh) के जन्मदिन पर ‘राष्ट्रीय किसान दिवस’ मनाया जाता है। वहीं किसान दिवस के मौके पर एक ओर जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कृषि कानून के फायदे गिनाए। तो वहीं कृषि कानून पर राजनीति करने वालें विपक्ष पार्टियां को जमकर खरी खोटी सुनाई। सीएम योगी ने विपक्ष पर नए कृषि कानून की आड़ में किसानों को गुमराह करने का भी आरोप लगाया।

CM Yogi Adityanath

लखनऊ के लोकभावन में आयोजित किसान सम्मान कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि केंद्र सरकार की तर्ज पर यूपी सरकार ने भी किसान हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। चाहे वह ₹36,000 करोड़ से 86 लाख किसानों का ऋणमोचन हो या लंबित सिंचाई परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का कार्य, प्रदेश सरकार ने अपनी प्रतिबद्धता स्पष्ट की है।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के नाम पर राजनीति करने वाले लोग जब सत्ता में आते थे तो चीनी मीलों के बंद होने पर चुप्पी साध लेते थे। लेकिन हमारी सरकार में कोरोना काल के दौरान भी चीनी मिलें चलती रही। सीएम योगी ने कहा कि जिन लोगों को किसानों की खुशहाली बर्दाश्त नहीं वे लोग नए कृषि कानून की आड़ में गुमराह करने में जुटे हैं। सीएम योगी ने कहा कि किसानों को एमएसपी और मंडियों की समाप्ति के नाम पर गुमराह किया जा रहा है, ये कैसी राजनीति है, किसान के हित में कुछ भी नहीं होने देंगे, आज़ादी के बाद पीएम मोदी की सरकार व्यापक परिवर्तन किए जा रहे हैं, विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 25 दिसम्बर को सम्मान निधि की अगली किश्त के रूप में किसान भाइयों के खातों में ₹18 हजार करोड़ भेजने वाले हैं, जिससे अन्नदाताओं के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। ₹54 हजार करोड़ वार्षिक और ₹18 हजार करोड़ की धनराशि प्रत्येक चार माह में प्रधानमंत्री जी द्वारा सम्मान निधि के अंतर्गत किसानों के खातों में भेजी जाती है। इससे किसान समय पर खाद, बीज, कृषि रसायन खरीद कर खेती के लिए अपनी जरूरत को पूरा करता है।

CM Yogi Adityanath

सीएम योगी ने कहा कि किसानों को बिचौलियों व साहूकारों से मुक्ति मिल सके, इसके लिए भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों को सहायता पहुंचाई जा रही है। इसके तहत प्रत्येक किसान के खाते में ₹6 हजार प्रतिवर्ष भेजने की व्यवस्था है। किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिए लागत का डेढ़ गुना दाम तय किया गया है। प्रत्येक किसान को एमएसपी का लाभ मिल सका, यह प्रधानमंत्री मोदी जी की सोच का परिणाम है।

सीएम ने कहा कि किसान को तकनीक के साथ जोड़ने का कार्य चल रहा है। किसानों को मृदा परीक्षण की सुविधा दी गई। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को आगे बढ़ाया गया। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से हर खेत तक पानी पहुंचाया गया। किसानों से जुड़े कार्य यद्धस्तर पर चल रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि स्थानीय उत्पाद देश की प्रगति का आधार बनेगा। इस स्थानीय उत्पाद का कृषि से जुड़ाव है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम से जुड़ाव है। स्थानीय उत्पादों से जुड़े शिल्पकार गांवों और कस्बों में बसते हैं।

CM Yogi UP

सीएम योगी ने कहा कि, चौधरी चरण सिंह जी कहा करते थे कि देश की खुशहाली का रास्ता खेतों से होकर जाता है। यानि भारत की प्रगति तब होगी, जब देश का किसान प्रगतिशील होगा। भारत में समृद्धि तब आएगी, जब किसान समृद्धशाली होगा। कृषि प्रधानता ही भारत की अर्थव्यवस्था का आधार है

सीएम योगी ने कहा कि, प्रदेश के 4 कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्रों को जोड़ा गया है। झांसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय शुरू हुआ है। BHU के कृषि संकाय को किसानों से जोड़ा गया है। 89 कृषि विज्ञान केंद्र किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रहे हैं। सरकार किसानों के हित में प्रतिबद्धता के साथ काम कर रही है। सरकार किसानों की लागत को कम करने और उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दे रही है। प्रदेश के किसानों को ट्रैक्टर प्रदान किए जा रहे हैं। 20 कृषि विज्ञान केंद्रों को स्थापित करने का संकल्प पूरा किया है।

सीएम योगी ने कहा कि, इस कार्यक्रम के पहले हमने प्रदेश के कुछ किसानों को ट्रैक्टर उपलब्ध कराए। आप कल्पना करिए कभी ट्रैक्टर एक कल्पना होती थी आज सरकार ट्रैक्टर की चाभी किसान के हाथों में देकर उसे तकनीक के साथ जोड़ने के नए आह्वान के साथ कार्य कर रही है।