नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल से अधिक का समय है, ऐसे में राजनीतिक दलों ने अभी से सियासी चालें चलनी शुरू कर दी हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की राज्य इकाई ने साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए कमर कस ली है। रविवार को पार्टी प्रदेश पदाधिकारियों संग बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह ने बैठक कर सभी के काम बांटकर उन्हें मोर्चे पर लगा दिया है। दरअसल भाजपा चाहती है कि विधानसभा चुनाव में भाजपा पूरे दमखम से चुनाव लड़े। इसको लेकर भाजपा ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के लिए बूथ स्तर के कामों को नए सिरे से आवंटित करने पर भी वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन किया। माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को नए सिरे से कार्यक्रम की जिम्मेदारी दी जाएगी।
इन नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
हालांकि, विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में बाजी मारने को लेकर भाजपा ने भगवा ध्वज फहराने के लिए खास रणनीति बनाई है और उसके लिए बकायदा अपने मजबूत सिपहसलारों को लगाया है। इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह द्वारा प्रदेश महामंत्री जेपीएस राठौर को पश्चिम क्षेत्र, गोविन्द नारायण शुक्ला को प्रदेश मुख्यालय, अश्वनी त्यागी को ब्रज, अमरपाल मौर्य को अवध, सुब्रत पाठक को काशी, अनूप गुप्ता को गोरखपुर, प्रियंका सिंह रावत को कानपुर-बुन्देलखण्ड क्षेत्र का प्रभारी घोषित किया गया।
मनाएगी स्वामी विवेकानंद की जयंती
रविवार को हुई इस बैठक में तय किया गया कि पंचायत चुनाव को लेकर जिला स्तर पर बैठकें आयोजित की जाएगीं। इसमें पार्टी अपनी रणनीति बनाएगी। ये बैठकें प्रमुख पदाधिकारियों की मौजूदगी में आगामी 7 से 17 जनवरी तक होंगी। युवाओं को संग जोड़ने को लेकर पार्टी ने जिला स्तर पर 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद की जयंती युवा मोर्चा द्वारा कार्यक्रम आयोजित करने की भी योजना तैयार की।
पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा गंभीर
बता दें कि इस साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर भाजपा काफी गंभीर नजर आ रही है। पार्टी चाहती है कि इस चुनाव में उसके वोट शेयर बढ़ें और पार्टी को मजबूती मिले। इसका फायदा भाजपा विधानसभा चुनावों को लेकर देख रही है। माना जा रहा है कि मार्च में पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं। बता दें कि उत्तर प्रदेश में पहली बार पंचायत चुनाव में राजनीति दल बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें सत्ताधारी बीजेपी से लेकर कांग्रेस, सपा, बसपा, अपना दल, आम आदमी पार्टी और AIMIM सहित तमाम विपक्षी पार्टियां अपनी किस्मत आजमाने की जुगत में हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश की कुल 59,163 ग्राम पंचायतों के मौजूदा ग्राम प्रधानों का कार्यकाल बीते साल में 25 दिसंबर को पूरा हो गया है। वहीं, 3 जनवरी 2021 को जिला पंचायत अध्यक्ष और आगामी 17 मार्च को क्षेत्र पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में प्रदेश में एक साथ ग्राम प्रधान, ग्राम पंचायत सदस्य, 823 ब्लाक के क्षेत्र पंचायत सदस्य और 75 जिले पंचायत के सदस्यों के 3200 पदों पर चुनाव कराए जाने हैं।