कोरोना टेस्टिंग के मामले में यूपी नंबर वन, मानक से करीब इतना गुना आगे निकला…
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कोरोना जांच के मामले में मानक से काफी आगे निकल चुका है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन (Amit Mohan) ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से 32 हजार सैंपल की जांच होनी चाहिए, जबकि यहां करीब चार गुना अधिक जांच हो रही है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) कोरोना (Coronavirus) जांच के मामले में मानक से काफी आगे निकल चुका है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन (Amit Mohan) ने मंगलवार को बताया कि प्रदेश की जनसंख्या के हिसाब से 32 हजार सैंपल की जांच होनी चाहिए, जबकि यहां करीब चार गुना अधिक जांच हो रही है। अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मानक के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर 14 टेस्ट प्रतिदिन किये जाने चाहिए, जिसके आधार पर प्रदेश की जनसंख्या के अनुसार 32 हजार टेस्ट प्रतिदिन बनते हैं। उन्होंने बताया कि निर्धारित मानक से चार गुणा टेस्ट प्रदेश में प्रतिदिन किये जा रहे हैं।
इसी प्रकार पाजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम के मानक को बनाये रखने में प्रदेश निरन्तर सफ ल रहा है। उन्होंने बताया कि 1-23 अगस्त के बीच यूपी में कोरोना मरीजों की पाजिटिविटी दर 4.8 प्रतिशत है। मोहन ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में एक दिन में अब तक का सर्वाधिक 1,21,553 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक 46,74,620 सैम्पल की जांच की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अगस्त माह में कोरोना मरीजों की पॉजीटिविटी की दर 4.़8 प्रतिशत है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 49,288 कोरोना के एक्टिव मामले हैं, जिसमें 24,482 मरीज होम आइसोलेशन, 2,134 लोग प्राइवेट हास्पिटल और 269 मरीज सेमी पेड फैसिलिटी में हैं। इसके अतिरिक्त शेष कोरोना संक्रमित एल-1, एल-2, एल-3 के कोरोना अस्पतालों में है।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि अब तक 77,608 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया, जिनमें से 53,126 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 1,40,107 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में रिकवरी दर 72़ 82 प्रतिशत है।