
नई दिल्ली। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हमेशा ही जमीन से जुड़े रहते हैं। इसकी एक बानगी आज एक बार फिर देखने को मिली जब उन्होंने खटीमा में अपने खेत में खुद धान की रोपाई की और हल भी चलाया। खेती, किसानी करते हुए सीएम ने पुराने दिनों को याद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने किसानों के अथक श्रम, त्याग और समर्पण को एक नमन किया। सीएम ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा, अन्नदाता न केवल हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारी संस्कृति और परंपराओं के संवाहक भी हैं। मुख्यमंत्री को इस तरह से अचानक अपने बीच देखकर खेतों में काम कर रहे किसान भी हैरान रह गए।
राज्य के अन्नदाताओं ने सदैव इस पावन भूमि का अपने अथक परिश्रम से श्रृंगार किया है। अपनी जड़ों से लगाव स्वयं के अस्तित्व और व्यक्तित्व का बोध कराता है। pic.twitter.com/6fzKPy9y98
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) July 5, 2025
सीएम ने कहा कि राज्य के अन्नदाताओं ने सदैव इस पावन भूमि का अपने अथक परिश्रम से श्रृंगार किया है। अपनी जड़ों से लगाव स्वयं के अस्तित्व और व्यक्तित्व का बोध कराता है। उन्होंने बताया कि इस अवसर पर उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा ‘हुड़किया बौल’ के माध्यम से भूमि के देवता भूमियां, पानी के देवता इंद्र, छाया के देव मेघ की वंदना भी की। आपको बता दें कि धामी ने बतौर मुख्यमंत्री चार साल पूरे कर लिए हैं। सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रदेश में विकास संकल्प पर्व मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने हरिद्वार में नदी महोत्सव का कल उद्घाटन भी किया। इस दौरान उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना भी की थी।
सीएम ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को विकास, सुशासन और आत्मनिर्भरता के नए शिखर पर ले जाकर देश का अग्रणी राज्य बनाना हमारा संकल्प है और इसी दिशा में हम निरंतर तत्परता एवं प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं। आपको बता दें कि पुष्कर सिंह धामी ने सीएम पद संभालने के बाद से ही भ्रष्टाचार और अपराध पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम कर रहे हैं। प्रदेश के विकास के साथ धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और श्रद्धालुओं को तमाम सुविधाएं मुहैया कराने के लिए भी सरकार ने बहुत से कदम उठाए हैं।