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Sadhwi Prachi: ‘लव जिहाद के बाद अब लैंड जिहाद’? हो कड़ी कार्रवाई, हल्द्वानी अतिक्रमण मामले पर भड़की साध्वी प्राची

Sadhwi Prachi: उत्तराखंड के हल्द्वानी में कथित तौर पर 4 हजार से भी अधिक लोग रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रखा है। जिसके खिलाफ बीते दिनों रेलवे ने उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी लोगों को सात दिनों के अंदर जमीन खाली करने का आदेश दिया था, जिसके बाद जमीन पर बसे लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया।

नई दिल्ली। हल्द्वानी अतिक्रमण प्रकरण पर साध्वी प्राची ने बयान जारी किया है। उन्होंने कथित तौर पर रेलवे की जमीन पर बसे लोगों का विरोध कर इनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। यही नहीं, उन्होंने हल्द्वानी में रह रहे लोगों को रोहिंग्या घुसपैठी तक बता दिया। उन्होंने कहा कि देवभूमि संतों की भूमि है। यहां रोहिंग्याओं का क्या काम है।  रोहिंग्याओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। पांच हजार रोहिंग्या उत्तराखंड में बसे हुए हैं, जो कि एक बड़ी समस्या है। इसके खिलाफ उत्तराखंड सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड में सभी रोहिंग्याओं का प्रवेश प्रतिबंध होना चाहिए। यह लोग देवभूमि की रूपरेखा के लिए खतरा हैं। साध्वी प्राची ने सरकार से इस पूरे मामले को गंभीरता ले लेने की अपील की है।

देवताओं की भूमि में रोहिंग्या?

साध्वी प्राची ने सवाल उठाया कि आखिर संतों की भूमि में रोहिंग्याओं का क्या काम? इसके अलावा उन्होंने परोक्ष रूप से हल्द्वानी मुद्दे पर कहा कि पहले ये लोग लव जिहाद चलाते थे, लेकिन अब ये लैंड जिहाद चला रहे हैं। जिस पर कड़ी कार्रवाई उत्तराखंड सरकार को करनी चाहिए। बता दें कि उन्होंने यह बयान हल्द्वानी प्रकरण में दिया है।

हल्द्वानी अतिक्रमण

बता दें कि उत्तराखंड के हल्द्वानी में कथित तौर पर 4 हजार से भी अधिक लोग ने रेलवे की जमीन पर कब्जा कर रखा है। बीते दिनों रेलवे ने इसके खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी लोगों को सात दिनों के अंदर जमीन खाली करने का आदेश दिया था, जिसके बाद जमीन पर लोगों ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रूख किया। बता दें कि शीर्ष अदालत ने जमीन खाली कराने के हाईकोर्ट के आदेश पर तत्काल रोक लगा दी। और सवाल किया कि आखिर सात दिनों के अंदर किस आधार पर जमीन खाली करने का आदेश दिया गया। अब मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होनी है। इसके साथ कोर्ट ने रेलवे सहित उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

जमकर सियासत

उधर, इस पूरे मसले को लेकर जमकर सियासत भी हो रही है। ओवैसी सहित कांग्रेस नेता हल्द्वानी मामले में प्रदेश सरकार के रूख को अल्पसंख्यक विरोधी बता रहे हैं। वहीं, बीजेपी स्पष्ट रूप से बयानबाजी करने से गुरेज कर रही है।

गत दिनों सपा सांसद हसटी हसन राजनीतिक रोटियां सेंकने प्रतिनिधिमंडल के साथ हल्द्वानी भी पहुंचे थे। बहरहाल, अब यह पूरा माजरा आगामी दिनों में क्या रुख अख्तियार करता है। इस पर सभी की निगाहें टिक रहेंगी।