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Gyanvapi Mosque: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा करने की अर्जी पर आज अहम फैसला, जिला जज बताएंगे हिंदू पक्ष के दावे में दम है या नहीं

दावे में कहा गया है कि पुराने मंदिर परिसर में मां श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, नंदीजी, दृश्य और अदृश्य देवता हैं। मुस्लिम आक्रमणकारियों ने 1193-94 से कई बार मंदिर को नुकसान पहुंचाया। हिंदुओं ने उसी स्थान पर मंदिर बार-बार बनाया। 1585 में जौनपुर के तत्कालीन राज्यपाल राजा टोडरमल ने मौजूदा ज्ञानवापी की जगह भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाया था। मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1669 ईस्वी में मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया था।

वाराणसी। यूपी के वाराणसी की जिला अदालत आज अहम फैसला सुनाने जा रही है। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश आज ज्ञानवापी मस्जिद में दर्शन-पूजन का अधिकार मांगने वाली हिंदू पक्ष की याचिका पर फैसला सुनाएंगे। जिला जज को ये मामला देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अधिकृत किया था। मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष की याचिका को रद्द करने की मांग की थी। मुस्लिम पक्ष का कहना था कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के तहत मस्जिद संबंधी कोई दावा हिंदू नहीं कर सकते। वहीं, हिंदू पक्ष ने कहा था कि ज्ञानवापी में पूजा के अधिकार संबंधी दावे को कानून के तहत रद्द नहीं किया जा सकता। वाराणसी के जिला जज इसी पर फैसला करने वाले हैं कि हिंदुओं को दावा करने का अधिकार है या नहीं। इससे पहले वाराणसी के ही सिविल जज सीनियर डिवीजन के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में सर्वे हुआ था। उस सर्वे के दौरान वजूखाने के बीच में शिवलिंग जैसी आकृति और दीवारों पर कई जगह ऊं का चिन्ह और मूर्तियां दिखने की बात सामने आई थी।

varanasi district judge ajay krishna vishvesha
ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करने वाले वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश

हिंदू पक्ष ने इतिहास और पुराणों का जिक्र करते हुए दर्शन और पूजा का अधिकार मांगा है। उनका कहना है कि यहां 1991 से पहले मां श्रृंगार गौरी और अन्य विग्रहों की पूजा करने की मंजूरी थी। हिंदू पक्ष की तरफ से 5 महिलाओं ने कोर्ट में अर्जी दी है। इनमें दिल्ली की राखी सिंह, वाराणसी की लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक हैं। इन सभी की अर्जी में है कि दशाश्वमेध घाट के पास आदिविश्वेश्वर ज्योतिर्लिंग का भव्य मंदिर था। इसे त्रेता युग में खुद भगवान शिव ने स्थापित किया था। उनका दावा है कि ये मंदिर अभी ज्ञानवापी परिसर प्लॉट संख्या 9130 पर है।

shivling gyanvapi masjid
सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में मिली शिवलिंग जैसी आकृति

इसके अलावा दावे में कहा गया है कि पुराने मंदिर परिसर में मां श्रृंगार गौरी, भगवान गणेश, भगवान हनुमान, नंदीजी, दृश्य और अदृश्य देवता हैं। मुस्लिम आक्रमणकारियों ने 1193-94 से कई बार मंदिर को नुकसान पहुंचाया। हिंदुओं ने उसी स्थान पर मंदिर बार-बार बनाया। 1585 में जौनपुर के तत्कालीन राज्यपाल राजा टोडरमल ने मौजूदा ज्ञानवापी की जगह भगवान शिव का भव्य मंदिर बनवाया था। मुगल बादशाह औरंगजेब ने 1669 ईस्वी में मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया था। भगवान आदि विश्वेश्वर के प्राचीन मंदिर को तोड़ने के बाद वहां ‘ज्ञानवापी मस्जिद’ नामक एक नया निर्माण किया गया था।