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UP में भूमि विवादों को खत्म करने के लिए योगी सरकार तत्पर, ‘विशेष वरासत अभियान’ का दिख रहा है असर

Yogi Government: राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच चरणों में चलाए जाने जा रहे विशेष वरासत अभियान के तहत गांवों में राजस्व विभाग के लेखपाल तथा अन्य अधिकारी ग्रामीणों से वरासत संबंधी प्रकरणों की जानकारी लेकर उसका निस्तारण कर रहें हैं।

लखनऊ। राज्य में भूमि विवादों को पूरी तरह खत्म करने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर चलाए जा रहे “विशेष वरासत अभियान” के तहत अब तक 5.05 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण किया गया है। सबसे अधिक 18103 मामले प्रयागराज जिले में निस्तारित हुए हैं। इसी तरह से अन्य जिलों में भी लंबित वरासत के प्रकरण निस्तारित किया जा रहा है। अब तक निस्तारित किए गए सभी प्रकरण वर्षों से लंबित थे। बीते पैतीस दिनों में ही चल रहे विशेष वरासत अभियान के तहत 5.05 लाख से अधिक प्रकरणों का निस्तारण राजस्व विभाग के अफसरों ने किया है। लंबित वरासत के प्रकरणों को निस्तारित करने के लिए करीब 23 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षण गांव-गांव जा रहें हैं। पहली बार इस तरह का अभियान चलाया जा रहा है। राज्य के राजस्व सचिव संजय गोयल के अनुसार, गत 15 दिसंबर से “आपकी जमीन, आपका अधिकार, सबको मिले अपना उत्तराधिकार” के संकल्प से शुरु हुए इस अभियान के तहत 20 जनवरी तक वरासत से संबंधित 5,05,547 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 4,54,107 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। ग्रामीणों से प्राप्त शेष बचे 51440 आवेदनों को निस्तारित करने की प्रक्रिया चल रही है।

राज्य में वरासत संबंधी विवादों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए पांच चरणों में चलाए जाने जा रहे विशेष वरासत अभियान के तहत गांवों में राजस्व विभाग के लेखपाल तथा अन्य अधिकारी ग्रामीणों से वरासत संबंधी प्रकरणों की जानकारी लेकर उसका निस्तारण कर रहें हैं। मुख्यमंत्री ने इस अभियान को और तेज करने के निर्देश भी बीते दिनों दिए हैं। वास्तव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशेष वरासत अभियान को लेकर बेहद गंभीर हैं। उनकी मंशा है कि राज्य में वरासत से संबंधित सभी लंबित प्रकरणों का निस्तारण कर दिया जाए। इन प्रकरणों के लंबित रहने से भूमि के विवाद होते हैं। जिसका संज्ञान लेते हुए ही मुख्यमंत्री ने विशेष वरासत अभियान शुरू करने की योजना तैयार करायी थी। जिसके तहत मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को विशेष वरासत अभियान में प्राप्त आवेदनों का शत-प्रतिशत ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए थे।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि राजस्व ग्राम समिति की बैठक के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि इस अभियान में अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर राजस्व विभाग के करीब 24 हजार लेखपाल और 2700 राजस्व निरीक्षक बीते 35 दिनों से गांव- गांव जाकर वरासत संबंधी लंबित प्रकरणों के आवेदन ग्रामीणों से लेकर गए उनका निस्तारण करने में जुटे हैं। जिसके चलते अब तक प्रयागराज में 18103, हरदोई में 15649, जौनपुर में 13444, गोंडा में 11474, गोरखपुर में 10385 तथा प्रतापगढ़ में वरासत से संबंधित 9255 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनमें अधिकांश प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है।

Yogi Adityanath With Officers

राज्य के सभी गांवों में लोग वरासत के प्रकरणों को निस्तारित कराने में रूचि लें, इसके लिए राजस्व विभाग के अधिकारी विशेष वरासत अभियान के प्रचार प्रचार भी कर रहे हैं। चंद दिनों में ही इतनी बड़ी संख्या में वरासत संबंधी मामलों का निस्तारण किए जाने से अब राज्य के गांव-गांव में विशेष वरासत अभियान में रूचि लेते हुए लोग निर्विवाद उत्तराधिकारों को खतौनियों में दर्ज कराने के लिए बढ़चढ़ कर आवेदन कर रहें हैं। इसे देखते हुए यह दावा किया जा रहा है कि आवेदन करने वालों की संख्या में इजाफा होगा और आगामी 15 फरवरी के बाद राज्य में वरासत से संबंधित एक भी विवाद शेष नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी यही चाहते हैं कि झगड़े की वजह बनने वाले वरासत से सभी प्रकरण खत्म हों।