newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

JNU: जेएनयू विवाद पर VC प्रो शांतिश्री धूलिपुडी पंडित का पहला बयान, कहा-जब बदलाव होता….

JNU Violence: शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, ”रामनवमी हवन किया जाए या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया। ये दो समूहों के संस्करण हैं। प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी।”

नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से दिल्ली का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) सुर्खियों में है। इस बार इसके चर्चा में बने रहने का कारण रामनवमी के मौके पर हुआ बवाल है। दरअसल, कावेरी छात्रावास में दो गुटों में भिड़त हो गई थी। इस घटना में कई लोगों को गंभीर चोटें भी आईं थी। छात्रसंघ की तरफ से आरोप लगाए गए हैं कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्यों ने छात्रों (JNU Students) को छात्रावास में मांसाहारी भोजन खाने से रोका और जिसके बाद हिंसा का माहौल बना गया। वहीं, एबीवीपी ने इस आरोप के जवाब में दावा किया है कि रामनवमी पर छात्रावास में आयोजित पूजा कार्यक्रम में वामपंथियों ने अड़चन पैदा की थी। एक तरफ जहां जेएनयू मामले को लेकर सिसायत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, असदुद्दीन ओवैसी समेत कई दल इसे मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे है। वहीं दूसरी ओर, अब इस पूरे मामले में जेएनयू की वीसी प्रो. शांतिश्री धूलिपुडी पंडित की पहली बार प्रतिक्रिया सामने आई है।

शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, ”रामनवमी हवन किया जाए या नहीं और खाने के मेन्यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया। ये दो समूहों के संस्करण हैं। प्रॉक्टोरियल जांच का आदेश दिया गया था और हम रिपोर्ट की प्रतीक्षा कर रहे हैं, यह एक निष्पक्ष जांच होगी।”

वहीं न्यूज चैनल आजतक से खास बातचीत करते हुए जब एंकर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित से सवाल करती है कि जेएनयू में छात्रों के बीच बार-बार टकराव क्यों होती है? जिसपर जवाब देते हुए वो कहती है कि इस बार कम हिंसा हुई है और एक दिन बाद ही शांति हो गई है। मैं छात्रों और वॉर्डन से मिली हूं। आगे वो कहती है कि जब बदलाव होता है तो resistance भी होता है। इसलिए मैं कहती हूं नैतिक लेवल डिबेट रखे। आप हिंसा मत करिए। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि हिंसा बाहर के लोगों ने आकर की है।