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गहलोत सरकार की खुली पोल: PMCARES फंड से मिले वेंटिलेटर्स का बेजा इस्तेमाल, इलाज की बजाए दे दिया किराये पर…

Rajasthan: बता दें कि कुछ दिनों पहले राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) का वीडियो सामने आया था। जिसमें खुद बोल रहे है कि भरतपुर में क्या कर दिया निजी अस्पतालों को करिए पर वेंटिलेटर दे दिया। प्रतापसिंह कहते है कि किराए पर दिए है फ्री में नहीं।

नई दिल्ली। देश इस वक्त कोरोना महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है। कोरोना संक्रमण की इस प्रचंड लहर की वजह से हर जगह हाहाकार मचा हुआ है। इतना ही नहीं कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। देश के हर राज्य से लगातार मौत की खबरें आ रही हैं, इन मौत का सबसे बड़ा कारण अस्पतालों की खराब व्यवस्था का होने है। लोगों ने वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ रहे है। वहीं संकट की इस घड़ी में राजस्थान की गहलोत सरकार की मुनाफा कमाने में जुटी हुई है। दरअसल राजस्थान के भरतपुर से चौंकाने वाला मामला प्रकाश में आया है।

ventilators

एक तरफ जहां इस खतरनाक महामारी में जब सरकारी अस्पताल में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहा है। लोग अस्पतालों के बाहर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पाने के लिए मिन्नतें करनी पड़ रही हैं, वहीं राजस्थान की कांग्रेस सरकार आपदा के इस दौर में पीएम केयर्स फंड से मिले वेंटिलेटर्स के जरिए कमाई कर रही है।

Ashok Gehlot and Sachin Pilot

दरअसल राजस्थान सरकार ने पीएम केयर्स फंड से मिले सरकारी वेंटिलेटर को ‘नॉन-यूज’ का हवाला देते हुए, जिंदल अस्पताल को 20 वेंटिलेटर किराए पर दे दिए। आपको बता दें कि जिंदल प्राइवेट हॉस्पिटल है। जिसके बाद अब राजस्थान की गहलोत सरकार मुश्किलों में घिर गई है। बता दें कि कुछ दिनों पहले राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) का वीडियो सामने आया था।

जिसमें खुद बोल रहे है कि भरतपुर में क्या कर दिया निजी अस्पतालों को करिए पर वेंटिलेटर दे दिया। प्रतापसिंह कहते है कि किराए पर दिए है फ्री में नहीं।

इससे पहले पीएम केयर फंड्स से मिले सरकारी वेंटिलेटर्स को निजी अस्पताल को किराए पर दिए जाने पर भाजपा सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने राजस्थान सरकार पर निशाना साधा था।