
बेंगलुरु। भारत के चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चांद के और करीब पहुंच गया है। शनिवार रात करीब 2 बजे इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 को चांद के करीब 25X134 किलोमीटर की कक्षा में सफलता से पहुंचा दिया। इससे पहले चंद्रयान-3 चांद के चारों तरफ 113X157 किलोमीटर की कक्षा में चक्कर लगा रहा था। बीते दिनों इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 के प्रॉपल्शन मॉड्यूल और विक्रम लैंडर को अलग किया था। अब विक्रम लैंडर को 23 अगस्त की शाम 5.47 मिनट पर चांद की सतह पर सफलता से उतारने की कोशिश इसरो के वैज्ञानिक करेंगे। चांद पर विक्रम लैंडर को उतारने की यही प्रक्रिया भारत के चंद्रयान-3 अभियान की सबसे कठिन होने वाली है।
Chandrayaan-3 Mission: The second and final deboosting operation has successfully reduced the LM orbit to 25 km x 134 km. The module would undergo internal checks and await the sun-rise at the designated landing site. The powered descent is expected to commence on August 23,… pic.twitter.com/1wOceuGejx
— ANI (@ANI) August 19, 2023
पिछली बार जब भारत ने चंद्रयान-2 को चांद पर भेजा था, तब उसका विक्रम लैंडर उतरते वक्त गड़बड़ा गया था और चांद की सतह पर गिर गया था। उस वक्त विक्रम लैंडर से धरती तक संकेत आने बंद हो गए थे। पिछली बार की इस गड़बड़ी को देखते हुए इसरो के वैज्ञानिकों ने इस बार विक्रम लैंडर में कई बदलाव किए हैं। चांद पर सकुशल उतारने के लिए विक्रम लैंडर के चारों स्टैंड पहले से मजबूत बनाए गए हैं। चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर के स्टैंड 2 मीटर प्रति सेकेंड की गति से उतारने के लिए बने थे। इस बार विक्रम लैंडर के इन स्टैंड को 3 मीटर प्रति सेकेंड की गति के लायक बनाया गया है। इसके अलावा विक्रम लैंडर के इंजन में भी बदलाव किया गया है।
चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को चांद की सतह पर उतारने के लिए इसरो के वैज्ञानिकों ने बीच के अलावा चारों कोनों पर 4 इंजन लगाए थे। इस बार विक्रम लैंडर में बीच का इंजन हटा लिया गया है। इससे चांद की सतह पर उतरने के दौरान उसका बैलेंस नहीं बिगड़ेगा। इसके अलावा इसमें ऐसी व्यवस्था की गई है, कि अगर कोई सेंसर या सॉफ्टवेयर काम करना बंद कर दे, तब भी विक्रम लैंडर चांद पर उतरने में कामयाब रहेगा। अब सबकी नजर 23 अगस्त की तारीख पर है। अभियान सफल रहा तो, उस दिन भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चांद पर अपना यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।