CoronaVirus: आयोडिन से 15 मिनट में दूर भागेगा कोरोनावायरस, अमेरिका ने किया दावा

CoronaVirus: ऐसे में अब कोरोनावायरस से बचने को लेकर एक शोध में खुलासा हुआ है कि अगर लोग आयोडीन(Iodine) से अपने नाक और मुंह को धोते हैं तो वे कोरोना वायरस (Coronavirus) से बच सकते हैं।

Avatar Written by: September 19, 2020 3:45 pm
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नई दिल्ली। कोरोना को लेकर लगातार शोध हो रहे हैं। इसके वैक्सीन को लेकर भी कई देशों ट्रायल हो रहा है। उम्मीद की जा रही है कि इसी साल के अंत तक लोगों को कोरोना की वैक्सीन मिलने लगेगी। ऐसे में अब कोरोनावायरस से बचने को लेकर एक शोध में खुलासा हुआ है कि अगर लोग आयोडीन (Iodine) से अपने नाक और मुंह को धोते हैं तो वे कोरोना वायरस (Coronavirus) से बच सकते हैं। बता दें कि अमेरिका में हुए एक ताजा शोध में ये दावा किया गया है। हलाांकि इससे पहले हुए अध्ययन और विश्व स्वास्थ्य संगठन पहले ऐसे दावों को नकार चुका है। गौरतलब है कि अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कनेक्टिकट स्कूल ऑफ मेडिसिन की रिसर्च में यह पाया गया है कि आयोडीन के साथ अगर लोग अपनी नाक को धोते हैं तो इससे कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका कम हो जाती है।

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रिसर्चर्स ने लैब में कोरोना वायरस के एक नमूने पर तीन अगल-अलग सांद्रता के एंटीसेप्टिक पोविडोन-आयोडीन (पीवीपी- I) के साल्यूशन डाले। इसके नतीजों में उन्होंने पाया कि 0.5 फीसदी सांद्रता वाले पोविडोन-आयोडीन के साल्यूशन को कोरोना वायरस को निष्क्रिय करने में केवल 15 सेकेंड लगे। इसके बाद शोधकर्ताओं ने दावा किया कि अगर नाक और मुंह को आयोडीन से धोया जाता है तो इससे कोरोना संक्रमण से बचा जा सकता है।

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मानव की नाक के रिसेप्टर एसीई -2 का उपयोग कोरोना वायरस मानव कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमित करने के लिए करता है। इसलिए कई ह्यूमन ट्रायल के दौरान महामारी पर रोक लगाने के लिए नाक की सफाई और यहीं वायरस को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। इसको लेकर हुए रिसर्च में पाया गया है कि नए वायरस से संबंधित रोगजनकों को निष्क्रिय करने में पीवीपी- I प्रभावी रहा है जिसमें सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम शामिल हैं।

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जेएएमए ओटोलरींगोलॉजी-हेड एंड नेक सर्जरी में प्रकाशित एक अध्ययन में रिसर्च टीम ने लिखा है कि उन्होंने वायरस के खिलाफ आयोडीन के साल्यूशन को टेस्ट किया। जिसमें आयोडीन के सांद्रता का स्तर 0.5 प्रतिशत, 1.25 प्रतिशत और 2.5 प्रतिशत रखा गया। तीनों ही घोल ने कोरोना वायरस के खिलाफ अच्छा रिजल्ट दिया।

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