Ajab-Gazab News: लट्ठ बजाकर करते हैं अपने अराध्य की पूजा, बलिया में मुगल काल से कायम है ये अजीबोगरीब परंपरा

Ajab-Gazab News: हर साल की तरह इस बार भी बलिया के रसड़ा क्षेत्र नाथ बाबा के रोट पूजन के मौके पर लाखों लोग अपनी-अपनी लाठियों के साथ एकत्रित हुए और सबने इन लाठियों से एक से बढ़कर एक प्रदर्शन किए। इसके बाद करीब 142 कुंतल आटे और चीनी से प्रसाद तैयार किया गया

Avatar Written by: June 15, 2022 5:54 pm

नई दिल्ली। देश में तरह-तरह के पर्व और उन्हें सेलिब्रेट करने के तरीके हैं। सबकी अलग मान्यता, परंपरा और नियम हैं। सभी देवी-देवताओं की पूजा करने के अलग नियम हैं। इसी क्रम में बलिया के एक गांव रसड़ा में लाठी से भगवान की पूजा करने की परंपरा आज भी कायम है। इसके इतिहास के पन्ने मुगल काल से जुड़े हैं। कहा जाता है कि मुगल काल में जजिया कर के खिलाफ लाठी प्रदर्शन से इस परंपरा की शुरूआत हुई जो आज भी उसी तरीके से निभाई जाती है। हर साल की तरह इस बार भी बलिया के रसड़ा क्षेत्र नाथ बाबा के रोट पूजन के मौके पर लाखों लोग अपनी-अपनी लाठियों के साथ एकत्रित हुए और सबने इन लाठियों से एक से बढ़कर एक प्रदर्शन किए। इसके बाद करीब 142 कुंतल आटे और चीनी से प्रसाद तैयार किया गया, जिसे लाखों लोगों में वितरित किया गया।

गौरतलब है कि नाथ बाबा को अपना आराध्य देव मानने वाले सेंगर वंशीय राजपूत हर वर्ष रोट पूजन आयोजित करते हैं। इस बार ये आयोजन टीका देवरी नगपुरा में किया गया। जहां हजारों युवाओं ने लाठियों का इस्तेमाल करते हुए अद्भुत कौशल का प्रदर्शन किया। इसके अलावा, करीब 14 कोस से आए लाखों श्रद्धालुओं ने श्रीनाथ बाबा के मंदिर की लाठी लेकर परिक्रमा की।इस परंपरा के बारे में कहा जाता है कि संत श्रीनाथ बाबा ने केवल लाठी के दम पर मुगलों द्वारा लगाए गए जजिया के खिलाफ विरोध पर उतर आए थे और मुगल शासकों को यहां से भगा था। इसके बाद उन्हें जजिया कर समाप्त करना पड़ा था। इस क्षेत्र के चौदह कोस के भीतर रहने वाले सभी समुदायों के लोग नाथ बाबा के परम भक्त थे।

सभी की समस्याओं का समाधान करने वाले नाथ बाबा की वही परम्परा आज तक कायम है। श्री नाथ बाबा पूजा समिति के अध्यक्ष सुनील सिंह ने इस परंपरा के बारे में बात करते हुए कहा कि नाथ बाबा के रोट पूजन समारोह के लिए 28 मई से 12 जून तक 142 कुंतल आटे और चीनी से रोट बनाना शुरू हो गया था। देसी घी से तैयार किया गया ये प्रसाद लाखों भक्तों को वितरित किया जाएगा।