
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने आईआईटी मद्रास के सहयोग से हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक टनल बनाया है। इसकी जानकारी रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी है। हाइपरलूप का ये टेस्ट ट्रैक 422 मीटर लंबा है। हाइपरलूप टनल में तेज गति से ट्रेन चलाई जाएगी। हाइपरलूप में ट्रेन की गति 600 से 1200 किलोमीटर हो सकती है। इससे यात्री 300 किलोमीटर की यात्रा महज आधे घंटे में कर सकेंगे। हाइपरलूप टेस्ट टनल बहुत महंगा प्रोजेक्ट है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक हाइपरलूप तकनीकी के कॉमर्शियल रन के लिए रेलवे की तरफ से आईआईटी मद्रास को 10 लाख डॉलर का तीसरा अनुदान भी मंजूर किया जाएगा।
The hyperloop project at @iitmadras; Government-academia collaboration is driving innovation in futuristic transportation. pic.twitter.com/S1r1wirK5o
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) February 24, 2025
हाइपरलूप से रेल यातायात पूरी तरह बदल जाएगा। कई और देशों में भी हाइपरलूप टनल पर प्रयोग चल रहे हैं। ये काफी महंगा है। इसकी वजह ये है कि हाइपरलूप टनल में लंबी ट्रेन नहीं चलाई जा सकती। हाइपरलूप टनल में छोटी कार जैसे वाहन चलाए जाते हैं। जिनमें अधिकतम 6 यात्री बैठ सकते हैं। दुनिया में अब तक किसी भी देश ने हाइपरलूप का कॉमर्शियल इस्तेमाल भी शुरू नहीं किया है। अब तक जापान और चीन के बुलेट ट्रेन और फ्रांस की टीजीवी को ही सबसे तेज रफ्तार की रेल माना जाता है, लेकिन हाइपरलूप इनसे कहीं ज्यादा रफ्तार पैदा करने वाली टनल है। हाइपरलूप में चुंबकों के जरिए ट्रेनों को गति दी जाती है। हाइपरलूप टनल में लगातार ऐसे चुंबक लगाए जाते हैं, जो धनात्मक और ऋणात्मक यानी पॉजिटिव और नेगेटिव ध्रुव बनाते हैं। इन ध्रुवों की वजह से ही हाइपरलूप में ट्रेनों को गति मिलती है।
रेलवे पहले ही अलग से कंपनी बनाकर गुजरात के अहमदाबाद और महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के बीच बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी कर रहा है। बुलेट ट्रेन का करीब 80 फीसदी काम हो भी चुका है। बुलेट ट्रेन के लिए मुंबई में समुद्र के नीचे सुरंग बनाने का काम चल रहा है। रेलवे के मुताबिक अगले साल यानी 2026 में अहमदाबाद से मुंबई के बीच कुछ दूरी तक बुलेट ट्रेन सेवा शुरू कर दी जाएगी। भारत में बुलेट ट्रेन को जापान के सहयोग से तैयार किया जा रहा है।