newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

What Is Land For Job Scam In Hindi: क्या है जमीन के बदले नौकरी घोटाला?, जिसमें लालू यादव के साथ बेटों तेजस्वी और तेजप्रताप यादव की भी आज कोर्ट में है पेशी

What Is Land For Job Scam In Hindi: लालू यादव, तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती और हेमा यादव। ये सभी कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में आरोपी हैं। तेजप्रताप यादव का नाम इस मामले में पहली बार जांच एजेंसी सीबीआई ने लिया है। जानिए ये मामला आखिर है क्या।

नई दिल्ली। लैंड फॉर जॉब स्कैम यानी जमीन के बदले नौकरी घोटाला। इस कथित घोटाला में आज बिहार के पूर्व सीएम और केंद्र में रेल मंत्री रहे लालू यादव, तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होना है। इस मामले में इन तीन के अलावा लालू यादव की पत्नी और बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव भी आरोपी हैं। इन सभी के अलावा रेलवे के कई कर्मचारियों को भी जमीन के बदले नौकरी घोटाला में सीबीआई ने आरोपी बनाया है। दिल्ली की अदालत में सभी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। सीबीआई ने पहली बार लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव को जमीन के बदले नौकरी घोटाला में आरोपी बनाया है।

lalu yadav and tej pratap yadav

लालू यादव पर सीबीआई ने आरोप लगाया है कि यूपीए सरकार के दौरान रेल मंत्री रहते उन्होंने लोगों से जमीन लेकर उनको रेलवे में नौकरी दी। सीबीआई के मुताबिक इन जमीनों को लालू यादव ने अपने परिवार के लोगों के नाम भी कराया। सीबीआई का दावा है कि उसे पीड़ितों ने इस बारे में बयान दिया है। जबकि, लालू यादव और तेजस्वी यादव लगातार ये कहते रहे हैं कि रेलवे में नौकरी देने के बदले कोई जमीन नहीं ली गई। इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ईडी भी कर रही है। ईडी ने बीते दिनों लालू यादव के करीबी कहे जाने वाले अमित कत्याल को गिरफ्तार किया था। अमित कत्याल एके इन्फोसिस्टम्स का डायरेक्टर था। इस कंपनी पर भी जमीन के बदले नौकरी घोटाला में शामिल होने का आरोप है।

अमित कत्याल जिस एके इन्फोसिस्टम्स कंपनी का डायरेक्टर था, उसे दक्षिणी दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक पते पर रजिस्टर्ड कराया गया था। कंपनी के लिए जिस घर का पता दिया गया, वहां लालू यादव के परिवार के लोग रह रहे थे। इस मकान का खास तौर पर लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव रहने के लिए इस्तेमाल कर रहे थे। इस मकान को एके इन्फोसिस्टम्स के अलावा मेसर्स एबी एक्सपोर्ट्स के दफ्तर के तौर पर भी दिखाया गया। बाजार भाव से काफी कम में लालू के परिवार को ये मकान बेचने की बात भी सामने आई है। कुल मिलाकर 78 आरोपी इस मामले में हैं। जिनमें दर्जनों ऐसे भी हैं, जिनको रेलवे में नौकरी मिली थी।