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26/11 Attack Anniversary: 26/11 के उस हमले के बाद जब कांप उठी थी मुम्बई, जानिए कैसे ये आतंकवादी पाकिस्तान से पहुंचे थे मुंबई

26/11 Attack Anniversary: इस घटना में लगभग 164 लोग मारे गए थे और 300 लोग घायल हुए थे। इस हमले में लशकर-ए तैयब के दस आंतकवादियों ने मुंबई में प्रवेश कर चार दिनों तक गोलीबारी और सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे। इस हमले के पीछे आतंकियों के कई घिनौने मकसद छिपे हुए थे

नई दिल्ली। मुंबई में हुए आतंकी हमले से तो आप सब वाकिफ होंगे। साल 2008 में हुए इस हमले ने पूरे देश को झकझोर के रख दिया था। भले ही आज इस घटना को पूरे 14 साल हो गए हैं, लेकिन उस घटना के जख्म आज भी लोगों के दिल में जिंदा है। इस हमले में ना जाने कितनों ने अपनो को खोया था। इस घटना में लगभग 164 लोग मारे गए थे और 300 लोग घायल हुए थे। इस हमले में लशकर-ए तैयब के दस आंतकवादियों ने मुंबई में प्रवेश कर चार दिनों तक गोलीबारी और सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे। इस हमले के पीछे आतंकियों के कई घिनौने मकसद छिपे हुए थे, जिनका खुलासा धीरे-धीरे करके हुआ। आइए जानते है इस हमले के पीछे की पूरी कहानी-

हमले के पीछे आतंकियों का मकसद

26 नवंबर 2008 को हुए हमले में भाग लेने वाले सारे आतंकवादी प्रशिक्षित थे और वह पाकिस्तान से भेजे गए थे। जिन्होंने भारत में प्रवेश करने के लिए समुद्री मार्ग का सहारा लिया था। इन आतंकवादियों का एक ही लक्ष्य था कि भारत में आतंक फैलाना है और कंधार अपहरण मामले में गिरफ्तार आतंकवादियों को छुड़वाना था। इसके बाद 21 नवंबर को 2008 को दस आतंकी नाव में पाकिस्तान से गुजरात के रास्ते भारत पहुंचे थे। अपने रास्ते में, उन्होंने चार मछुआरों को भी मार डाला था। और नाव के कप्तान को भारत में एंट्री दिलवाने की धमकी दी थी, जिसके बाद 26 नवंबर को आतंकवादियों ने नाव के कप्तान की हत्या कर दी थी। मुम्बई पहंचने के बाद आतंकियों ने ताज होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट और नरीमन हाउस में धावा बोल दिया। ताज होटल में 6 विस्फोट हुए जिसमें कई लोग मारे गए।

हमले में 64 लोगों ने की जान गई

मुम्बई में अलग अलग जगहों पर किए गए इस आतंकी हमले में लगभग 64 लोगों ने अपनी जान गवा दी थी और 600 से अधिक लोग घायल हो गए थे। हम आपको बता दें कि आतंकवादी मुम्बई में दाखिल होने से पहले आतंकी ज्यादा देर तक सक्रिय रहने के लिए  एलएसजी, कोकीन और स्टेरॉयड का जैसी चीजों का सेवन करते थे।