नई दिल्ली। अगर किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे, तो एग्जामिनर सभी प्रतिभागियों से एक अहम सवाल जरूर पूछना चाहेगा कि आखिर ऐसी कौन-सी मस्जिद है, जो हर-हर महादेव के नारों से गूंज उठी थी, तो अगर प्रतिभागी तनिक भी प्रबद्ध होगा तो यह कहने से गुरेज नहीं करेगा कि वो मस्जिद कोई और नहीं, बल्कि ज्ञानवापी मस्जिद थी। जी बिल्कुल…सही पढ़ा आपने…ज्ञानवापी मस्जिद…जिसका पिछले तीन दिनों से सर्वे किया जा रहा है। सर्वे में कई ऐसे सबूत सामने आए हैं जो इस बात की तस्दीक करने से तनिक भी गुरेज नहीं कर रहे हैं कि यहां कालांतर में मंदिर थी। हालांकि, इन तीन दिनों के सर्वे के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो वहां मंदिर होने के दावे को प्रबल कर रहे हैं, लेकिन आज यानी की सर्वे के आखिरी दिन मस्जिद के दक्षिणी हिस्से में मिले शिवलिंग ने सभी संदेह को सिरे चढ़ने से पहले ही ध्वस्त कर दिया। जैसे ही सर्वे के दौरान मस्जिद में शिवलिंग मिले तो हिंदू पक्षों ने हर-हर महादेव के नारे लगाने से गुरेज नहीं किया। हालांकि, बीते दो दिनों के सर्वे के दौरान कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो वहां मंदिर होने की ओर इशारा करते हैं। लेकिन आज मिले शिवलिंग ने लोगों के जेहने में सवाल पैदा कर दिया है कि आखिर मस्जिद में शिवलिंग आया कहां से ? आखिर क्या है इसके पीछे की असल कहानी। तो आइए आपको हम इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
तो आपको बताते चलें कि इसे लेकर बीजेपी नेता सत्य कुमार का एक ट्वीट सामने आया है, जिसमें उन्होंने मस्जिद में मिले शिवलिंग को लेकर सच से पर्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि जब क्रर मुगल बादशाह औरंगजेब मंदिर को ध्वस्त कर रहा था, तब मंदिर के पुजारियों ने उसे बचाने के लिए शिवलिंग को लेकर कूएं में कूद गए थे। इस तरह पुजारियों ने अपने प्राणों की आहुति देकर शिवलिंग को बचाया था। हालांकि, कुछ कथित प्रबुद्ध इतिहासकार इसे मात्र कल्पित कथा मानते हैं, लेकिन आज वास्तविकता क्या है। हम सबके सामने परिलक्षित है। आज मस्जिद में मिले शिवलिंग ने इतिहासकारों के दावों को संदेह में घेरे में ला खड़ा किया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमें मुगल शासकों के क्रूर शासण प्रणाली की भत्सर्ना करने से गुरेज नहीं करना चाहिए।
Pujari of #Gyanvapi temple jumped into well with shivling to save it from destruction at the hands of Aurangzeb.
Left historians used to call this a myth.
Today shivling is found in the same well.
Not to forget left historians also claim that tyrannt Mughals made India rich.
— Y. Satya Kumar (@satyakumar_y) May 16, 2022
फिलहाल उनका ट्वीट अभी खासा तेजी से वायरल हो रहा है। लोग इस पर अलग-अलग तरह से अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नजर आ रहे हैं। तो उनके इस ट्वीट से यह भी साफ जाहिर होता है कि कैसे उन्होंने हमारी आने वाली नस्लों के समक्ष मूल इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश करने की कोशिश की है, ताकि हमारी नस्ले विषयवस्तु की मूल सत्यता से अनिभिज्ञ रहे। बहरहाल, ज्ञानवापी मस्जिद के तीन दिनों के सर्वे के उपरांत सग्रहित हुए साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट आगामी दिनों में क्या कुछ निर्णय लेती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।