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राहुल ने सरकार से पूछा सवाल- आप देश की रक्षा पर कब बोलेंगे, तो जनता ने ऐसे कर दी फजीहत

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “कब राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा की बात की जाएगी।”

नई दिल्ली। चीनी घुसपैठ को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर एलएसी के मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरा। इससे पहले भाजपा ने कांग्रेस के स्वामित्व वाली राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) को चीनी कंपनियों द्वारा डोनेशन दिए जाने पर निशाना साधा था, जिसके बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर पलटवार किया है।

Congress Leader Rahul Gandhi

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, “कब राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा की बात की जाएगी।”

इस ट्वीट के बाद राहुल गांधी एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोल हो गए। यूजर्स ने राहुल गांधी की फजीहत करते हुए जमकर खरी खोटी सुनाई। प्रिया राठौड़ नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि, रोज होती है लेकिन उसको  टेलीकास्ट देश के दुश्मनों को दिखा नहीं सकते! क्या पता जाके चीन को बता दे।

इससे पहले राहुल गांधी ने शनिवार को कोरोनावायरस के बढ़ते मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार के पास कोरोना से निपटने के लिए कोई योजना नहीं है। राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, “कोविड-19 देश के नए हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। भारत सरकार के पास इसे हराने की कोई योजना नहीं है। प्रधानमंत्री चुप हैं। उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है और महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने से इंकार कर रहे हैं।”

इससे पहले, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा पर शनिवार को निशाना साधा था। सुरजेवाला ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ पार्टी के संबंधों पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी इस विवाद में घसीटा था। सुरजेवाला ने पूछा, “संघ ने क्यों जनवरी 2009 में चीन का दौरा किया था।”

Randeep Surjewala, Congress

प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पूर्व भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी भी 19 जनवरी 2011 को सीसीपी के आमंत्रण पर पांच दिन के लिए चीन गए थे। सुरजेवाला ने कहा, “तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने नवंबर 2014 में सांसद/विधायकों के प्रतिनिधिमंडल को सीसीपी के ‘द पार्टी स्कूल’ के अध्ययन के लिए क्यों भेजा था। कांग्रेस गुजरात के मुख्यमंत्री रहते चार बार और प्रधानमंत्री रहते हुए पांच बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन जाने के कारण भी जानना चाहती है।”