अगर ऐसा हुआ, तो इस साल के अंत में खत्म हो जाएगा कोरोना!, WHO ने खुद कही ये दिल खुश कर देने वाली बात

उनके पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द तक नहीं थे। आखिर हो भी क्यों न..क्योंकि कंबख्त इस कोरोना ने पूरी दुनिया को अपने बेरहम कहर से अधमरा कर दिया है। तकरीबन 3 वर्षों तक कहर बरपाने के बाद भी कोरोना के रूख में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं आया है।

सचिन कुमार Written by: January 1, 2022 7:27 pm
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नई दिल्ली। कोरोना के कहर से बेहाल हुए लोगों को आज नए साल के मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेट्रोस अधोनोम घ्रेबेसियस ने एक अच्छी खबर सुनाई है। यह खबर कोरोना से जूझ रहे लोगों के लिए राहत का सबब बनकर उभर रही है। ऐसे मौके पर जब पूरी दुनिया नए साल का जश्न में मनाने में व्यस्त है, तो डब्लूएचओ प्रमुख ने अपनी इस खबर से लोगों के जश्न के रंग को और गहरा कर दिया है।  डब्लूएचओ प्रमुख ने कोरोना वायरस के कहर के बारे में कहा कि अगर हमने कुछ शर्तों का ईमानदारी से पालन कर लिया, तो आपको यकीन मानने कोई गुरेज नहीं करना चाहिए ये साल कोरोना का आखिरी साल साबित हो सकता है। जी हां… बिल्कुल…चौंक गए न आप…हम भी आप ही की तरह चौंक गए थे। जब हमें यह पता लगा कि साल 2022  हमारे जी का जंजाल बने कोरोना का समूल नाश करने का प्लान भी अपने साथ लेकर आया है। कल तक महज कोरोना के आगामी कहर से पूरी दुनिया को खौफजदा करने वाले डब्लूएचओ प्रमुख ने कहा कि यह साल कोरोना के कहर का आखिरी साल साबित हो सकता है, तो लोगों के चेहरे खुशी के खिलखिला उठे।

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उनके पास अपनी खुशी बयां करने के लिए शब्द तक नहीं थे। आखिर हो भी क्यों न..क्योंकि कंबख्त इस कोरोना ने पूरी दुनिया को अपने बेरहम कहर से अधमरा कर दिया है। तकरीबन 3 वर्षों तक कहर बरपाने के बाद भी कोरोना के रूख में किसी भी प्रकार का परिवर्तन नहीं आया है। अभी हाल ही में ओमीक्रॉन के मामले को ही देख लीजिए। दक्षिण अफ्रीका से शुरू हुआ ओमीक्रॉन का कहर अब पूरी दुनिया को जिस तेजी के साथ अपनी चपेट में लेने पर आमादा हो चुका है। उससे सब खौफजदा हो चुके हैं। लेकिन आज नए साल के मौके पर मंत्रमुग्ध कर देने वाली इस खबर के बारे में बताने के साथ ही डब्लूएचओ प्रमुख ने उन शर्तों के बारे में भी बताया है, जिनके बिना शायद ही कोरोना के कहर पर विराम लगाया जा सकता है। तो चलिए आगे इसे रिपोर्ट में जानते हैं कि आखिर कौन सी हैं, वे शर्तें, जिनके सहारे किया जा सकता है कोरोना के कहर का जड़ से खात्मा।

तो डब्लूएचओ प्रमुख ने कहा कि अगर हम कोरोना का जड़ से खात्मा करना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें हमारे बीच में व्याप्त असमानता को जड़ से खत्म करना होगा। उन्होंने कहा कि असमानता को खत्म किए बिना कोरोना के कहर पर विराम लगाने के बारे में नहीं सोचा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समानता कोरोना के मामले में इजाफे की वजह बनकर उभर रहा है। उन्होंने पूरे दावे और विश्वास के साथ कहा कि अगर हम असमानता को खत्म कर जाते हैं, तो मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि यह साल कोरोना का आखिरी साल साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज शायद ही दुनिया का ऐसा देश कोई देश होगा, जो कोरोना के कहर से अछूता न हो, ऐसे में मेरी इस बात को गांठ बांध कर रख लीजिए। कोरोना को खत्म करना है, तो पहले इसके मध्य व्याप्त असामनता को खत्म करना होगा।

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कोरोना के कहर के इतर विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा कि कोरोना की वजह से अन्य स्वास्थ्य व्यवस्थाएं भी चरमरा गई हैं, जिनसे आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सभी देशों की सरकारों को अपने स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरूस्त करने की दिशा में प्रयास करने होंगे। खैर, आज नए साल के मौके पर जिस तरह से विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने पूरी दुनिया को कोरोना के कहर से निपटने की तरकीबन सुझाई है, उसने कोरोना से जूझ रहे लोगों को एक नई उम्मीद दी है।