नई दिल्ली। महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन में देरी का कारण सामने आ गया है। एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने खुलकर कहा है कि उनकी पार्टी को गृह मंत्रालय मिलना चाहिए। शिरसाट ने कहा कि शिंदे को महायुति सरकार का चेहरा बनाने से बीजेपी को फायदा हुआ है। शिंदे ने मराठा आरक्षण दिया और इस तरह से महायुति के लिए मराठाओं का समर्थन बढ़ गया। अब सवाल यह है कि क्या बीजेपी एकनाथ शिंदे की इस मांग को मानेगी या उनको किसी तरह से मना लेगी? शिंदे फिलहाल अपने गांव सतारा में डेरा डाले हुए हैं।
दूसरी तरफ महाराष्ट्र में भले ही अभी तक सीएम के नाम का ऐलान ना हुआ हो मगर नई सरकार के शपथ ग्रहण की तारीख और जगह लगभग फाइनल हो गई है। आज तक ने सूत्रों के आधार पर दावा किया है कि 5 दिसंबर को मुंबई के आजाद मैदान में महायुति गठबंधन की नई सरकार का शपथ ग्रहण होगा। हालांकि इस शपथ ग्रहण समारोह में सीएम के साथ कितने मंत्री शपथ लेंगे इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। गौरतलब है कि महायुति में सीएम फेस को लेकर काफी माथापच्ची के बाद एकनाथ शिंदे ने दो दिन पहले ही ऐलान किया कि उनको बीजेपी का सीएम मंजूर है। उसी दिन एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पावर ने दिल्ली जाकर गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
अमित शाह और महायुति के नेताओं की बैठक के बाद इस बात के कयास लगाए जाने लगे की देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर सहमति बन गई है। इसके अगले दिन महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक को अचानक रद्द कर दिया गया और एकनाथ शिंदे अपने गांव सतारा चले गए। उसके बाद से यह चर्चा चलने लगी कि शिंदे नई सरकार में अपनी पार्टी के पास गृह मंत्रालय चाहते हैं।