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Delhi Assembly Election 2025 Voting: दिल्ली में इस बार वोटिंग का बनेगा रिकॉर्ड?, जानिए किस साल कितना हुआ था मतदान

Delhi Assembly Election 2025 Voting: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग चल रही है। इस बार सभी को उम्मीद है कि वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनेगा। ये उम्मीद दोपहर 1 बजे तक पड़े वोटों के प्रतिशत से जगी है। दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटिंग साल 2015 के विधानसभा चुनाव में हुई थी।

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग चल रही है। इस बार सभी को उम्मीद है कि वोटिंग का नया रिकॉर्ड बनेगा। ये उम्मीद दोपहर 1 बजे तक पड़े वोटों के प्रतिशत से जगी है। दिल्ली में दोपहर 1 बजे तक औसत वोटिंग 33.31 फीसदी हो चुकी थी। सेंट्रल दिल्ली में 29.74 फीसदी, पूर्वी दिल्ली में 33.66 फीसदी, नई दिल्ली में 29.89 फीसदी, उत्तरी दिल्ली में 32.44 फीसदी, उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 39.51 फीसदी, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली में 33.17 फीसदी, शाहदरा में 35.81 फीसदी, दक्षिण दिल्ली में 32.67 फीसदी, दक्षिण-पूर्वी दिल्ली में 32.27 फीसदी, दक्षिण-पश्चिमी दिल्ली में 35.44 फीसदी और पश्चिमी दिल्ली में 30.87 फीसदी लोग वोट डाल चुके हैं। इस तरह अब तक उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सबसे ज्यादा वोटिंग हुई है।

साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 62.75 फीसदी वोट पड़े थे। तब सबसे ज्यादा वोटिंग बल्लीमारान में हुई थी। सबसे कम वोट दिल्ली कैंट सीट पर पड़े थे। दिल्ली विधानसभा के पिछले चुनाव में 62.59 फीसदी महिलाओं ने वोट दिया था। जबकि, पुरुष वोटरों का प्रतिशत 62.51 रहा था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा वोटिंग साल 2015 में हुई थी। उस साल दिल्ली विधानसभा चुनाव में 67.12 फीसदी लोगों ने वोटिंग की थी। वहीं, 1998 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में सबसे कम 48.99 फीसदी वोट ही पड़े थे। 1998 के अलावा साल 2003 और 2008 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में हर बार 60 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है।

दिल्ली विधानसभा चुनाव में मुख्य तौर पर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस का मुकाबला है। आम आदमी पार्टी लगातार तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाने की कोशिश में जुटी है। वहीं, बीजेपी और कांग्रेस सत्ता हासिल करने की रेस में हैं। दिल्ली विधानसभा में 70 सीट हैं। पिछली बार आम आदमी पार्टी ने 62 और बीजेपी ने 8 सीट जीती थीं। जबकि, 2015 में आम आदमी पार्टी ने 67 और बीजेपी ने 3 सीट हासिल की थी। दोनों ही बार कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिल सकी थी।